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यूरेशिया पूरी कर सकता है भारत की उर्जा जरूरत

३ जुलाई २०१२

भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की क्षमता यूरेशिया में है. भारतीय विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने इलाके में मौजूद भारतीय राजदूतों से देश की साख को बड़े आर्थिक और रणनीतिक लाभ में बदलने के लिए काम करने को कहा है.

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तस्वीर: Reuters

विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने ताजिकिस्तान की राजधानी दुशान्बे में इलाके के 11 देशों में मौजूद भारतीय मिशन के प्रमुखों के साथ मुलाकात के दौरान यह बात कही. भारतीय विदेश मंत्री ने मध्य एशिया से जुड़ने की भारत की नीति और इलाके के रणनीतिक महत्व की ओर ध्यान दिलाया. विदेश मंत्री ने प्राकृतिक संपदा से भरपूर इस क्षेत्र से जुड़ाव को बेहतर करने के लिए व्यापार, संपर्क, दूतावास और समुदाय की जरूरत बताई. विदेश मंत्री ने राजदूतों से आग्रह किया, "व्यापार, संपर्क, दूतावास औऱ समुदाय से जुड़े मसलों पर विशेष ध्यान दीजिए और नए समाधान के जरिए अपने अपने देश और इलाके के साथ संबंधों को बेहतर करिए."

विदेश मंत्री ने कहा कि यह बताने की जरूरत नहीं है कि यूरेशिया का इलाका भारत के लिए कितना अहम है. उनके मुताबिक, "इस इलाके में लागातार बदलाव हो रहे हैं और अब वक्त आ गया है कि हम हरेक देश से अपने संबंधों में सहयोगी रवैया अपना कर राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित करें." विदेश मंत्री दो दिन के दौरे पर ताजिकिस्तान आए हैं. यहां उन्होंने रूस, यूक्रेन, बेलारूस, अर्मेनिया, अजरबैजान, कजाखस्तान, जॉर्जिया, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान में भारतीय मिशन के प्रमुखों के साथ बैठक की. इस तरह की यह छठी बैठक थी जिसमें पूरे क्षेत्र के राजदूतों को एक साथ बुलाकर बातचीत की गई. हाल के महीनों में विदेश मंत्री ने क्षेत्रीय आधार पर सिंगापुर, काहिरा, अबू धाबी, मैड्रिड और हवाना में इसी तरह की बैठकें की है.

Karte TAPI Gas-Pipeline Persisch
तस्वीर: DW

विदेश मंत्री ने कहा कि इलाके के हर देश का भारत के लिए अलग महत्व है. भारत चाहता है कि वह इन देशों के साथ सिर्फ हाइ़ड्रोकार्बन और दूसरी संपदाओं के लिए ही नहीं बल्कि राजनीतिक, आर्थिक और तकनीकी के क्षेत्र में भी रिश्तों को मजबूत करे. विदेश मंत्री ने बताया कि मध्य एशियाई देशों के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार महज 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर का है जो यहां मौजूद संभावनाओं को देखते हुए बहुत कम है. विदेश मंत्री ने कहा कि तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत के बीच पाइपलाइन की योजना आगे बढ़ी है. मध्य एशिया के ऊर्जा बाजार में एक बड़ी उपलब्धि यह भी रही है कि ओएनजीसी विदेश लिमिटेड और कजाख स्टेट कंपनी के बीच कैस्पियन सागर में तेल के ब्लॉक के लिए बड़ा व्यवसायिक करार हुआ है. विदेश मंत्री ने कहा कि इस तरह के कुछ और प्रोजेक्ट भी जल्दी ही सामने आएंगे.

अमेरिकी सेनाओं की अफगानिस्तान से वापसी जैसे जैसे करीब आ रही है भारत मध्य एशिया के देशों से जुड़ने की अपनी नीति को तेजी से आगे बढ़ाने में जुट गया है. जंग से जूझते अफगानिस्तान के रास्ते ताजिकिस्तान और आस पास के दूसरे देशों से संबंधों को मजबूत करने को प्राथमिकता दी जा रही है. अफगानिस्तान और उसके स्थायी भविष्य के लिए निवेश भारत और ताजिकिस्तान के बीच रिश्तों की एक नई बिसात लेकर आया है. दोनों देशों के बीच अफगानिस्तान के भविष्य को सुरक्षित करने पर सहमति हुई है. ताजिकिस्तान इस मसले पर भारत के रुख का समर्थन करता है और मानता है कि अफगानिस्तान में स्थिरता आए बगैर इलाके में शांति नहीं आ सकती.

एनआर/एमजे(पीटीआई)

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