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यूपीए में पेट्रोल दाम में वृद्धि का विरोध

२७ फ़रवरी २०१०

तृणमूल कांग्रेस की नेता और रेल मंत्री ममता बैनर्जी ने पेट्रोल और डीज़ल की क़ीमतों को बढ़ाए जाने का विरोध किया है और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस सिलसिले में एक चिट्ठी लिखी है.

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तस्वीर: UNI

तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बैनर्जी ने शनिवार को कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए की प्रमुख सोनिया गांधी से डीज़ल और पेट्रोल के दामों को न बढ़ाने के सिलसिले में लिखा है. ममता ने कहा ,"मैंने अपने सांसद सुदीप से कह दिया है कि वे सरकार को हमारी राय के बारे में बताएं." लेकिन उन्होंने कहा है कि वे इस सिलसिले में किसी से बहस नहीं करना चाहतीं.

तृणमूल कांग्रेस यूपीए की गठबंधन पार्टी है और बजट में ईंधन के दामों में बढ़ोतरी के एलान के बाद पार्टी के सदस्यों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है. हालांकि यह अभी साफ नहीं है कि इस मुद्दे पर पार्टी बीजेपी का साथ देगी या नहीं.

तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि वे स्थिति का जायज़ा लेते रहेंगे. उनका कहना है कि महंगाई को देखते हुए पेट्रोल और डीज़ल के दामों को बढ़ाना सही नहीं होगा. उन्होंने कहा कि बजट पर बहस के दौरान वे ईंधन के दामों में बढ़ोतरी को लेकर अपनी राय सामने रखेंगे. अगर सरकार पेट्रोल के दामों को कम कर देती है तो लोगों पर इसका अच्छा असर पड़ेगा.

शुक्रवार को आम बजट पेश होते ही भारत में पेट्रोल और डीज़ल की क़ीमतें बढ़ गई हैं. आधी रात से पेट्रोल 2.67 रुपये और डीज़ल 2.58 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ. दाम बढ़ाने के प्रस्ताव का विपक्ष ने तीखा विरोध किया है और चेतावनी दी कि जब तक इस घोषणा को वापस नहीं लिया जाता, संसद की कार्रवाई नहीं चलने दी जाएगी.

विपक्ष ने शुक्रवार को बजट भाषण के दौरान वॉक आउट किया. पेट्रोलियम उत्पादों पर लगने वाले शुल्कों में बदलाव के बजट प्रस्ताव पर लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा, "इस क़दम से डीज़ल और पेट्रोल महंगे होंगे और इससे आम आदमी पर और मार पड़ेगी जो पहले ही महंगाई के बोझ से परेशान है."

रिपोर्टः एजेंसियां/एम गोपालकृष्णन

संपादनः महेश झा