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मोहम्मद रफी के दो अनसुने गीत रिलीज

३० जुलाई २०१०

बॉलीवुड के सदाबहार गायक मोहम्मद रफी की 30वीं पुण्यतिथि से पहले उनके दो ऐसे गीतों को रिलीज किया गया है जो अब तक बाजार में नहीं थे और जिन्हें सुना भी नहीं गया है. इन गीतों की संगीत रचना संगीतकार मदन मोहन ने की थी.

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मोहम्मद रफीतस्वीर: cc by-sa tiktam

इन गीतों को हिंदी फिल्मों के बहुत से यादगार गीत देने वाले इन दोनों ही महान कलाकारों की पुण्य तिथि के मौके पर किया गया है. मोहम्मद रफी की मृत्यु 30 साल पहले 31 जुलाई को हुई थी जबकि मदन मोहन का देहान्त 35 साल पहले 14 जुलाई को हुआ था.

अब रिलीज हो रहे दोनों गीतों की रचना मोहम्मद रफी और मदन मोहन के जीवन काल में हुई थी, लेकिन फिल्मों के नहीं बन पाने के कारण उन्हें कभी रिलीज नहीं किया गया. पहले गाने के बोल हैं 'या इलाही, एक हसीना ने मचाई तबाही.' मदन मोहन के परिवार ने एक बयान में कहा है कि ये गाना मोहम्मद रफी के प्रसिद्ध मस्त अंदाज में गाया हुआ है और बहुत संभव साठ के दशक में रिकॉर्ड हुआ है.

दूसरे गाने के बोल हैं, 'हर सपना एक दिन टूटे इस दुनिया में.' दार्शनिक लगता ये गाना 70 के दशक में रिकॉर्ड किया गया था.

मदन मोहन बहुत मेहनती संगीतकार थे. वे फिल्मों का कांट्रैक्ट नहीं होने पर भी संगीत बनाया करते थे और उसे स्वयं बोल देते थे. उनके द्वारा रचित संगीत का उपयोग फिल्मकार यश चोपड़ा ने उनकी मौत के वर्षों बाद फिल्म वीर ज़ारा में नए गीतों के साथ किया था.

रिपोर्ट: पीटीआई/महेश झा

संपादन: आभा मोंढे