मोदी-मुफ्ती भेंट में बातचीत का रास्ता खोले जाने पर बल
२४ अप्रैल २०१७राज्य में बिगड़ते हालात को लेकर मुख्यमंत्री मुफ्ती दबाव में हैं. आए दिन सामने आ रही हिंसा की वारदातों को लेकर विपक्ष उन पर लगातार हमले कर रहा है. इन सबकी जानकारी केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देते हुए उन्होंने आगे के कदमों पर चर्चा की. जम्मू और कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की पीडीपी और मोदी की बीजेपी की मिलीजुली सरकार है.
मुफ्ती ने केंद्र सरकार से राज्य के हालात के बारे में गंभीरता से सोचने को और कश्मीर के लोगों से वार्ता करने का रास्ता खोलने को कहा. मुफ्ती ने कहा, "बातचीत के अलावा और कोई विकल्प नहीं है." मुफ्ती ने हाल ही में राज्य में हुए उप चुनावों को में बेहद कम वोटर टर्नआउट पर चिंता जताते हुए, अपने पिता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके मुफ्ती मुहम्मद सईद के दिखाये रास्ते पर चलने की सलाह दी. सईद के समय में राज्य के चुनावों में बहुत सारे लोगों ने बाहर निकल कर वोट डाले थे और चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा लिया था.
पथराव की घटनाओं को लेकर राज्य के दोनों सहयोगी दलों ने हाल ही में काफी अलग अलग राय रखी है. पत्थर फेंकने वालों से निपटने को लेकर गठबंधन सरकार के दोनों सहयोगी यानि पीडीपी और बीजेपी एकमत नहीं दिखे. बीजेपी के एक मंत्री चंद्र प्रकाश गंगा ने हाल ही में "गद्दारों और पथराव करने वालों को गोली मारे जाने" जैसे कदमों का वकालत की थी. उनके इस बयान पर पीडीपी ने ऐतराज जताया था और कहा था कि यह सब घाटी में समस्या को कायम रखने की "साजिश" है.
एक वरिष्ठ पीटीपी नेता पीरजादा मंसूर ने इस टिप्पणी पर बयान जारी कर कहा था, "ऐसी घृणित टिप्पणियां राज्य के कुछ अतिवादी किस्म के नेताओं की खिन्न मानसिकता को दिखाते हैं. कुछ लोगों की ऐसी कोशिशों को उजागर करती है, जो चाहते हैं कि राज्य में ताजा समस्या भड़कती रहे और कश्मीरी शिक्षा और आर्थिक पिछड़ेपन में धकेले जाते रहें."
इस तरह की खींचतान के मद्देनजर बीजेपी के जम्मू कश्मीर मामलों के प्रभारी राम माधव ने शुक्रवार को वरिष्ठ पीडीपी नेता हसीब ड्राबू के साथ जम्मू में बैठक की. फिर माधव चंद्र प्रकाश गंगा से मिले, जिसके बाद गंगा ने अपने बयान पर अफसोस जाहिर किया. बीजेपी के जम्मू कश्मीर अध्यक्ष सत शर्मा ने भी साफ किया राज्य में दोनों सहयोगी दलों के बीच राज्य की सरकार चलाने को लेकर कोई समस्या नहीं है और ना ही संकट से निपटने को लेकर ऐसे कोई मतभेद हैं.
आरपी/ओएसजे (पीटीआई)