मोदी अकेले नहीं 'फर्जी डिग्री' विवाद में
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर हुआ विवाद ऐसा कोई पहला मामला नहीं है. डिग्री विवादों से ना केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी राजनीति गर्माती आई है. देखें इन तस्वीरों में.
मोदी डिग्री विवाद
आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाया था. इसके बाद सरकार की ओर से इस पर स्पष्टीकरण के बतौर मोदी की डिग्री की फोटो प्रतियां मीडिया में बांटी गई, लेकिन इन्हें 'आप' ने फर्जी बताया. हालांकि दिल्ली यूनिवर्सिटी ने इन डिग्रियों को सही बताया है.
पकिस्तान में फर्जी डिग्री विवाद
पाकिस्तान में जब सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि चुने गए प्रतिनिधियों की डिग्रियों की जांच कराई जाएगी तो वहां डिग्री विवाद के एक रोचक प्रसंग ने जन्म लिया. फर्जी डिग्री वालों को पकड़ने के बजाय 2012 में संविधान में ऐसा संशोधन कर दिया गया कि डिग्री की अनिवार्यता खत्म हो गई.
डिग्री का गोलमाल
फर्जी डिग्री विवाद के दौरान पाकिस्तान में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग के एक सांसद की डिग्रियों में बड़ा गोलमाल था. उन्होंने एमए 2002 में किया था जबकि बीए 2006 में और स्कूली पढ़ाई 2007 में खत्म की थी. ऐसे ही एक मामले में एक सांसद तो केवल 10 साल की उम्र में ही हाईस्कूल कर चुके थे.
जर्मन रक्षा मंत्री कार्ल थियोडोर सू गुटेनबर्ग
जर्मन रक्षा मंत्री कार्ल थियोडोर सू गुटेनबर्ग को 2011 में तब अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा जब यह पाया गया कि उन्होंने अपने डॉक्टरेट के डिसर्टेशन को चुराया था. इस प्रसंग ने उनका राजनीतिक भविष्य खराब कर दिया.
केन्या के राजनेता
फरवरी 2013 में केन्या के उच्च शिक्षा आयोग ने गैर मान्यताप्राप्त उच्च शिक्षा संस्थानों की डिग्रियों को मानने से इनकार कर दिया. मामला ये था कि कई वरिष्ठ मंत्रियों के साथ ही अन्य राजनेता इस तरह की फर्जी डिग्रियों का इस्तेमाल अपनी शैक्षणिक योग्यता के बतौर कर रहे थे.
जर्मन शिक्षा मंत्री अनेटे शावान
ठीक इसी दौर में जर्मनी में फिर यही विवाद खड़ा हुआ. यूनिवर्सिटी ऑफ डुसेलडॉर्फ ने शिक्षा और विज्ञान मंत्री अनेटे शावान की डॉक्टरेट की डिग्री वापस ले ली. जर्मन फैकल्टी परिषद ने फैसला किया कि उन्होंने अपने शोध प्रबंध में जानबूझकर नकल की.
रोमानिया में ईओन मांग और विक्टर पोंटा
विक्टर पोंटा सरकार के शिक्षा मंत्री रहे ईओन मांग पर भी अपने कई पेपर्स को चोरी करने के आरोप लगे. मांग ने पहले ही मई 2012 में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद ऐसे ही आरोप खुद पोंटा पर भी लगे लेकिन नेशनल एथिक्स काउंसिल ने उनके रिसर्च को एकेडमिक अनुशासन के भीतर ही माना. लेकिन इस पर विवाद बरकरार रहा.
हंगरी के पूर्व राष्ट्रपति पाल श्मिट
हंगरी में वर्ल्ड इकॉनोमी वीकली ने तत्कालीन राष्ट्रपति पाल श्मिट पर उनकी थिसीस, ''आधुनिक ओलंपिक कार्यक्रम का विश्लेषण'' के लिए चोरी के आरोप लगाए थे. जिसे बाद में बुडापेस्ट की सेमेल्वाइस यूनिवर्सिटी ने पुष्ट किया. इसके चलते राष्ट्रपति को अपने पद से हटना पड़ा.
स्मृति ईरानी
इसके अलावा भारत में भी 'फर्जी डिग्री' का विवाद कई राजनेताओं से जुड़ा रहा है. मोदी सरकार की ही मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की डिग्री भी पिछले दिनों विवादों में रही है. उन पर आरोप था कि उन्होंने 2004 और 2014 के चुनावों में डिग्री को लेकर अलग अलग जानकारियां दी हैं.
जितेंदर सिंह तोमर
आम आदमी पार्टी ने पीएम मोदी के खिलाफ तो तल्खी से मोर्चा खोला लेकिन खुद केजरीवाल सरकार में कानून मंत्री रहे जितेंदर सिंह तोमर को फर्जी डिग्री के चलते अपना पद छोड़ना पड़ा था.
राहुल गांधी
फर्जी डिग्री का विवाद राहुल गांधी से भी जुड़ा रहा है. उन पर आरोप लगाए जाते हैं कि उन्होंने अपनी असल शैक्षणिक योग्यता को चुनाव आयोग के समक्ष दाखिल किसी भी दस्तावेज में नहीं बताया है.