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मोटे हैं तो क्या हुआ...

७ अगस्त २०१२

अमेरिका की भारोत्तोलक हॉली मैनगोल्ड वजन वाली मशीन पर चढ़ती हैं तो कांटा सीधा डेढ़ सौ किलो पार कर जाता है. लेकिन उन्हें इस पर कोई शर्म नहीं, वह तो खुश हैं कि वह ओलंपिक में हिस्सा लेने वाली सबसे ज्यादा वजन वाली महिला हैं.

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तस्वीर: dapd

22 साल की मैनगोल्ड का वजन पूरे 157 किलो है. वह 75 किलो से ज्यादा वजन वाले वर्ग की प्रतियोगी हैं. उन्हें इस बात से गुस्सा आता है कि आम जनता और मीडिया उनके जैसे खिलाड़ियों के शरीर पर नाहक चर्चा करती है. 2012 के लंदन ओलंपिक में बहुत से एथलीट हैं, जिनका वजन ज्यादा है और मीडिया ने उन्हें मोटा कह कर पुकारा है. इनमें ब्रिटेन की हेप्टाथलन चैंपियन जेसिका एनिस, ऑस्ट्रेलिया की तैराक लिसेल जोन्स और ब्राजील की महिला फुटबॉल टीम है.

लेकिन मैनगोल्ड के लिए तो उनका वजन खुशी की बात है, "मेरी टीम मेट (सारा रोबलेस) और मैं इस बात को साबित कर सकते हैं कि आप किसी भी शरीर के साथ एथलीट बन सकते हैं. मैं यह नहीं कह रही हूं कि हममें से हर कोई एथलीट है लेकिन एथलीट बनने के लिए किसी खास शरीर की जरूरत नहीं होती." मैनगोल्ड के हाथ में तीन हफ्ते पहले चोट लगी. इसके बाद रविवार को हुए मुकाबले में वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाईं और 10वें नंबर पर ही रहीं.

लंदन ओलंपिक की इस बात के लिए तारीफ हो रही है कि महिलाओं के लिए सभी खेल आयोजित किए गए हैं और हर खेल में महिलाओं की हिस्सेदारी है. उम्मीद की जा रही है कि इससे ज्यादा महिलाएं रोल मॉडल बन सकेंगी. ब्रिटेन की वीमेन्स स्पोर्ट्स एंड फिटनेस फाउंडेशन का लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को खेलों में शरीक किया जा सके. उसके आंकड़े बताते हैं कि 14 साल की उम्र में सिर्फ 12 प्रतिशत लड़कियां शारीरिक कसरत करती हैं.

फाउंडेशन की प्रमुख सू टिब्बल्स का कहना है कि जिन लड़कियों का शरीर छरहरा नहीं होता है, वे खेल के प्रति आकर्षित नहीं हो पाती हैं क्योंकि यह मिथक फैला है कि खेल के लिए लड़कियों को पतला दुबला होना चाहिए. उनका कहना है कि ओलंपिक में शामिल होने आई महिला खिलाड़ियों के ऊपर भी यह बात लागू होती है. हो सकता है कि वे शानदार एथलीट हों लेकिन उनकी काया अच्छी नहीं है तो फिर उनके अंदर हीन भावना आ सकती है.

टिब्बल्स का कहना है, "महिलाओं को लगातार उनके शारीरिक बनावट पर फब्ती सुननी पड़ती है, जबकि मर्दों के साथ ऐसा नहीं होता. इससे महिला एथलीटों पर दबाव बढ़ता है."

ब्रिटेन की ट्राइएथलीट होली एविल ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में हिस्सा लिया, लेकिन इस साल मई में उसे खेलों से दूर हो जाना पड़ा क्योंकि उनके साथ खाने की गड़बड़ी पैदा हो गई. उनके कोच का कहना था कि उन्होंने काफी वजन बढ़ा लिया है, जिसके बाद उन्होंने खाने पर सख्ती की और बीमार हो गईं. टिब्बल्स का कहना है कि उन्हें इस बात पर ताज्जुब होता है कि कोई जेसिका एनिस को मोटा कह रहा हो. ब्रिटेन के एक उच्च पदस्थ खेल अधिकारी ने ऐसा कहा था. शनिवार को 26 साल की एनिस ने ब्रिटेन के लिए स्वर्ण पदक जीता.

ऑस्ट्रेलिया की तीन बार की चैंपियन तैराक लिसेल जोन्स पर वहां की मीडिया ने सवाल उठाए थे. उनका कहना था कि वह बीजिंग ओलंपिक जितनी फिट नहीं लग रही थीं. इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम ने गुस्से का इजहार किया था. उनकी साथी तैराक मिलानी श्लांगर ने ट्वीट किया, "मुझे इस बात पर शर्म महसूस होती है कि ऑस्ट्रेलिया का मीडिया एक शानदार तैराक लिसेल जोन्स पर सवाल उठा रहा है. एथलीट का समर्थन करें, उनकी टांगें मत खींचें." जोन्स की मदद से ऑस्ट्रेलिया ने एक रजत पदक जीता.

ब्रिटेन की तैराक रेबेका एडलिंगटन ने कहा कि वह ओलंपिक के दौरान ट्विटर देखना नहीं चाहेगी क्योंकि वहां बहुत से लोग उनके बदन को लेकर मजाक उड़ा रहे होंगे. कैमरन की टीम के कोच ने ब्राजील की महिला फुटबॉल टीम को "जरा भारी टीम" बताया, जिसके बाद ब्राजील ने कैमरन को 5-0 से रौंद दिया.

एजेए/एमजे (रॉयटर्स)

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