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मैं फ़िल्म इंडस्ट्री से गई कहां हूं: काजोल

(संपादन: महेश झा)२० फ़रवरी २०१०

फ़िल्म अभिनेत्री काजोल का कहना है कि वह इंडस्ट्री में ही मौजूद हैं और उनकी तीन फ़िल्में जल्द ही रिलीज़ होंगी. बर्लिनाले में करण जौहर की 'माई नेम इज़ ख़ान' की स्क्रीनिंग के दौरान सचिन गौड़ ने काजोल से ख़ास बातचीत की.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

यह फ़िल्म वैश्विक आतंकवाद पर आधारित है. हाल के समय में ग्लोबल टेरेरिज़्म पर भारत में काफ़ी फ़िल्में बन चुकी हैं. विषय उठाने में देर नहीं हुई.

किसी भी बड़े विषय के बारे में अगर आप बात करें तो उसका कोई ग़लत वक़्त नहीं होता. उस वक़्त तो उन्होंने फ़िल्म नहीं बनाई लेकिन अब तो बनाई है. फ़िल्म बहुत अच्छे तरीक़े से बनाई गई है. इस विषय को काफ़ी संवेदनशील ढंग से पेश किया गया है. मुझे लगता है कि करण ने यह फ़िल्म बना कर काफ़ी अच्छा फ़ैसला लिया है.

Kajol
तस्वीर: DW

करण जौहर, शाह रुख़ ख़ान आपके अच्छे दोस्त हैं और आप तीनों पहले भी फ़िल्में कर चुके हैं. एक प्रेम कहानी पर साथ काम करना और संवेदनशील मुद्दे पर फ़िल्म में साथ काम करने में कुछ अंतर महसूस हुआ.

हमने एक दूसरे के साथ काफ़ी काम किया है और जब भी हम काम करते हैं तो बहुत मज़े लेकर चुनौतियों का सामना करते हैं. इस फ़िल्म के लिए जब हमने एक टीम के रूप में काम करना शुरू किया तो एक बात साफ़ थी कि हम एक दूसरे को चैलेंज करेंगे. फिर चाहे वो अभिनय के तौर पर हो, डायलॉग के रूप में हो या फिर अभिव्यक्ति के रूप में. हम मिल कर बढ़िया काम करना चाहते थे.

कई दर्शकों की राय है कि फ़िल्म काफ़ी लंबी है और संदेश अच्छा होने के बावजूद अंत आते आते एक आम बॉलीवुड फ़िल्म का ही रूप ले लेती है.

हमने यह फ़िल्म बॉलीवुड के लिए ही बनाई है. यह एक व्यवसायिक फ़िल्म है. हम एक अलग फ़िल्म बनाने की कोशिश नहीं कर रहे थे, हम एक अच्छी फ़िल्म बनाना चाहते थे. हम चाहते थे कि एक ऐसी फ़िल्म बने जो भारतीय दर्शकों को पंसद आए फिर चाहे वो दुनिया में कहीं भी रह रहे हों. वैसे मुझे उम्मीद है कि यह फ़िल्म दूसरे देशों के लोगों को भी पसंद आएगी.

Berlinale 2010
तस्वीर: DW

भारतीय फ़िल्म जगत में नए निर्देशक आए हैं, नए विषय उठाए जा रहे हैं. यह बदलाव देख कर कैसा लगता है.

बहुत ही अच्छा लगता है. मुझे लगता है कि जब भी युवा लोग किसी क्षेत्र में सामने आते हैं तो दिलचस्प बातें होती हैं. मुझे लगता है कि आने वाले समय में काफ़ी क्रिएटिव फ़िल्में बनेंगी, कई अलग तरह की कहानियों पर काम होगा. नए लोगों की सोच नई होगी इसलिए नई तरह की बातें देखने को मिलेंगी.

क्या फ़िल्मों में फिर से वापसी हो रही है.

मैं कहना चाहती हूं कि जब भी मैं फ़िल्म करती हूं तो मेरे से पूछा जाता है कि आपका क्या कमबैक है, क्या आप वापस आ रही हैं. मैं गई कहां हूं जो वापस आ रही हूं. मेरी 3 फ़िल्में रिलीज़ होने वाली हैं. इसलिए फ़िलहाल तो मैं यहीं हूं. दो चार साल बाद क्या होगा, अभी नहीं पता.

आप को कई युवा कलाकार अपना रोल मॉडल मानते हैं लेकिन आप किसे अपना आदर्श मानती हैं.

मैं किसी के काम को पसंद कर सकती हूं. समय बीतने के साथ किसी के प्रति सम्मान का भाव पैदा हो सकता है लेकिन मैं रोल मॉडल जैसी बातों में विश्वास नहीं रखती.