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मुस्लिम देशों की जनता कहे, नो ओबामा

१४ जून २०१२

'यस, वी कैन' यानि हम कर सकते हैं, इस नारे के साथ बराक ओबामा ने 2009 में व्हाइट हाउस की कुर्सी संभाली थी. तब दुनिया को ओबामा के दावे पर यकीन हुआ था. लेकिन तीन साल के भीतर ही ओबामा का करिश्मा फीका पड़ गया है.

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तस्वीर: AP

खासतौर से मुस्लिम देशों में ओबामा की लोकप्रियता में खासी गिरावट आई है. और ये हालत तब है जब अमेरिका ने मिस्र में हुए जनांदोलन को अपना समर्थन दिया था. लेबनान और पाकिस्तान में अमेरिकी विदेश नीति के चलते ओबामा की स्वीकार्यता में जबर्दस्त गिरावट आई है. मिस्र के 76, जॉर्डन के 73 और लेबनान के 62 फीसदी लोग चाहते हैं कि ओबामा दोबारा व्हाइट हाउस की कुर्सी पर न बैठें. ये नतीजे पियू रिसर्च सेंटर के शोध में सामने आए हैं. इस एजेंसी ने ओबामा को लेकर दुनिया भर के 21 देशों में सर्वे कराया. नतीजों में पाया गया कि मुस्लिम देशों में ओबामा को लेकर खासा असंतोष है. पीयू ग्लोबल एटीट्यूड के निदेशक रिचर्ड विके कहते हैं, ''इन देशों में सर्वे के बाद ये साफ हुआ है कि ओबामा के आने के पहले अमेरिका की छवि ज्यादा सकारात्मक थी. कुछ मुस्लिम देशों में ओबामा की छवि का असर काम नहीं आया.''

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तस्वीर: The Other Side

ट्यूनीशिया, तुर्की और जॉर्डन में 10 फीसदी से भी कम लोगों ने ओबामा पर यकीन जताया. पाकिस्तान में तो महज सात फीसदी लोग ही हैं जो अमेरिकी राष्ट्रपति पर यकीन करते हैं. जॉर्ज बुश की भी लोकप्रियता अपने कार्यकाल के आखिरी सालों में 7 फीसदी ही थी.

हालांकि यूरोपीय देशों में ओबामा की लोकप्रियता अभी भी ठीक है. इसी सर्वे के मुताबिक फ्रांस में सबसे ज्यादा 92 फीसदी लोग ओबामा को व्हाइट हाउस में दोबारा देखना चाहते हैं. इसी तरह 73 फीसदी ब्रिटिश नागरिक भी ओबामा के दोबारा राष्ट्रपति बनने के समर्थन में हैं. जर्मनी के 90 फीसदी लोग ओबामा को दोबारा अमेरिका का राष्ट्रपति देखना चाहते हैं. एशियाई देशों की बात करें तो चीन में ओबामा की नीतियों का समर्थन करने वालों में गिरावट आई है. अब यहां महज 30 फीसदी लोग चाहते हैं कि ओबामा दोबारा व्हाइट हाउस जाएं. उनका विरोध करने वालों की तादाद 39 फीसदी है.

BdT Deutschland NATO Gipfel Junge mit deutscher und US Fahne
तस्वीर: AP

जर्मन समाचार एजेंसी डीपीए के मुताबिक कुल मिलाकर ओबामा की लोकप्रियता में यूरोप में आठ प्रतिशत की गिरावट आई है. 2009 में अमेरिकी राष्ट्रपति की लोकप्रियता 86 प्रतिशत थी जो आज घटकर 80 प्रतिशत रह गई है. इसी तरह जापान में भी ओबामा की लोकप्रियता पहले 85 प्रतिशत थी जो अब घटकर 74 प्रतिशत रह गई है. पारंपरिक रूप से यूरोप और जापान ऐसी दो जगहें हैं जहां अमेरिका का राष्ट्रपति काफी लोकप्रिय होता है.धीरे धीरे दूसरे देश अब चीन के बढ़ते कद को आंकने भी लगे हैं. पिछले साल तक 55 फीसदी जापानी अमेरिका को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था मानते थे. लेकिन इस साल भरोसा बदल गया है. अब 45 फीसदी जापानी अमेरिका को और 43 फीसदी चीन को दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्था मान रहे हैं.

वीडी/ओएसजे (एफपी, डीपीए)

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