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मुशर्रफ़ की विदाई पर राहत की साँस

१८ अगस्त २००८

मुशर्रफ़ के इस्तीफ़े पर पाकिस्तान में त्यौहारी खुशी है. लोग सड़कों पर नाचते-गाते देखे गये. वकील और जज चहक रहे हैं. कराची में मिठाइयाँ बाँटी गयीं. विदेशी प्रतिक्रियाओं में भी राहत की साँस लेने की ही झलक मिलती है.

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मुशर्रफ़ के इस्तीफ़े पर मुल्तान में जश्नतस्वीर: AP

परवेज़ मुशर्रफ़ के सूर्यास्त के बारे में जिस देश के पास सबसे अधिक कहने के लिए हो सकता है, उसने कुछ भी कहने से मना कर दिया. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह कह कर हाथ झाड़ लिया कि यह "पाकिस्तान का आंतरिक मामला है."

पाकिस्तान के दूसरे प्रमुख पड़ोसी अफ़ग़ानिस्तान के सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि "हमें आशा है कि मुशर्रफ़ के त्यागपत्र का पाकिस्तान में लोकतंत्र और नागरिक सरकार को प्रबल बनाने पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा. आतंकवाद से लड़ने और डूरंड रेखा वाली सीमा के दूसरी ओर आतंकवादी अड्डों का सफ़ाया करने में सहयोग का यह एक सुअवसर बन सकता है."

पाकिस्तान के सबसे बड़े हितैषी अमेरिका के राष्ट्रपति को जब यह समाचार मिला, तब वे टेक्सास में अपनी रेंच पर थे. उनकी ओर से ह्वाइट हाउस के गॉर्डन जॉनडोरो ने कहा कि "राष्ट्रपति बुश पाकिस्तान को लोकतंत्र की ओर ले जाने और अल क़ायदा तथा अतिवादी गिरोहों से लड़ने के प्रति वचनबद्धता निभाने के राष्ट्रपति मुशर्रफ़ के प्रयासों की सराहना करते हैं." अमेरिका की विदेशमंत्री कोंडोलीज़ा राइस ने अल क़ायदा के विरुद्ध लड़ाई में शामिल होने के उनके "नाज़ुक फ़ैसले" के कारण उनके प्रति आभार प्रकट किया. उन्होंने कहा कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ सहयोग करता रहेगा.

US-Präsident George W. Bush mit Pakistans Präsident Pervez Musharraf
राष्ट्रपति बुश और परवेज़ मुशर्रफ़तस्वीर: AP

पाकिस्तान के घनिष्ठ मित्रों में से एक ब्रिटेन ने मुशर्रफ़ की सराहना की, पर साथ ही यह भी कहा कि पाकिस्तान के साथ संबंध किसी व्यक्ति विशेष पर निर्भर नहीं होते. प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन के प्रवक्ता के शब्द थेः "राष्ट्रपति मुशर्रफ़ के कार्यकाल में हमने ब्रिटिश-पाक संबंधों में प्रगाढ़ता देखी. हम उनके लिए शुभकामनाएँ करते हैं. लेकिन, ब्रिटेन और पाकिस्तान के बीच संबंध व्यक्तियों पर निर्भर नहीं करते."

ब्रिटिश विदेशमंत्री डेविड मिलब्रांड ने मुशर्रफ़ की आर्थिक उलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि उनका देश पाकिस्तान के साथ मैत्री के लिए आगे भी दृढ़तापूर्वक वचनबद्ध रहेगा.

पाकिस्तान को सबसे अधिक सहायता देने वालों में से एक जापान के प्रधानमंत्री यासुओ फुकुदा का कहना था, "मुशर्रफ़ के जाने से अमेरिका के नेतृत्व वाले आतंकवाद-विरोधी अभियान या अफ़गानिस्तान की स्थिति पर पर भला क्या प्रभाव पड़ेगा? कोई विशेष प्रभाव नहीं."

रूसी विदेशमंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा कि रूस को आशा है कि "राष्ट्रपति मुशर्रफ़ की विदाई का इस महत्वपूर्ण एशियाई देश की आंतिरक राजनैतिक स्थिरता के लिए कोई प्रतिकूल परिणाम नहीं निकलेगा."

ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के प्रवक्ता ने यह कह कर कोई टिप्पणी करना टाल दिया कि यह पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति है. किंतु. यूरोपीय संघ के वर्तमान अध्यक्ष फ्रांस के विदेशमंत्रालय ने कहा कि "हम चाहेंगे कि पाकिस्तान का अगला राष्ट्रपति और सरकार देश के सामने खड़ी अनेक चुनौतियों का सामना करने के लिए एक रचनात्मक वातावरण में मिल कर काम करें."

जर्मनी में विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने भी कुछ ऐसे ही विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हम पाकिस्तान की सरकार और भावी राष्ट्रपति के साथ आगे भी काम करते रहेंगे और चाहेंगे कि वह अपने पड़ोसियों के साथ समस्याओं को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाये और आतंकवाद से लड़ने में दृढसंकल्प का परिचय दे.