मुंबई में 4 मंजिला इमारत गिरने से 3 लोगों की मौत
३१ अगस्त २०१७बचावकर्मियों का दल इमारत के मलबे से लोगों को निकालने में जुटा है. हादसा गुरुवार सुबह 8 बजकर 40 मिनट पर मुंबई के बेहद घनी आबादी वाले भेंडी बाजार में हुआ. मुंबई की आपदा नियंत्रण संस्था के एक प्रवक्ता ने बताया कि मलबे से तीन लोगों के शव निकाले गये हैं. प्रवक्ता तानाजी कांबले ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, "तीन लोगों की मौत हुई है और 13 लोग घायल हुए हैं जिन्हें बाहर निकाल लिया गया है. दो बचावकर्मी भी इस दौरान जख्मी हुए हैं."
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल के एक अधिकारी ने बताया, "माना जा रहा है कि मलबे में कम से कम 40 लोग फंसे हैं. 43 बचावकर्मियों का दल इन लोगों को बाहर निकालने की कोशिश में जुटा है." इस अधिकारी के मुताबिक इमारत में 8 या 9 परिवार रह रहे थे.
हर साल बरसात के मौसम में मुंबई में इमारतों के गिरने की खबरें आती हैं. मंगलवार को यहां भारी बारिश हुई थी और उसकी वजह से कम से कम 10 लोगों की मौत हो गयी. हजारों लोग उस दिन अपने दफ्तर या फिर किसी सहकर्मी के घर रुकने पर मजबूर हुए. बारिश के कारण मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ने की आशंका है. ठाणे के आपदा नियंत्रण विभाग के अधिकारी संतोष कदम ने एएफपी से कहा, "हम अभी भी लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं और मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है."
भेंडी बाजार मुंबई के ऐतिहासिक इलाकों में से है. यहां फिलहाल 60 करोड़ डॉलर की लागत से विकास की एक बड़ी परियोजना चल रही है जिसके तहत कई दशकों पुरानी छोटी छोटी इमारतों को हटा कर ऊंचे ऊंचे टावर बनाये जा रहे हैं. बीते सालों में मुंबई की कई इमारतें हादसों का शिकार हुई हैं. यहां सैकड़ों ऐसी इमारतें हैं जो 100 साल से ज्यादा पुरानी हैं और जिनके गिरने का खतरा बना हुआ है. इसके लिए अकसर निर्माण के लिए खराब सामान का इस्तेमाल और गलत वास्तु को जिम्मेदार माना जाता है.
मुंबई में बहुत सारे लोग बेहद कम जगह में बने अपार्टमेंट्स में रहते हैं और एक एक इमारत सैकड़ों लोगों का घर है. निजी मकान मालिक और बिल्डर पैसा बचाने के लिए अकसर खराब सामान का इस्तेमाल करने के साथ ही गलत डिजायनों का भी सहारा लेते हैं. इसी साल 17 जुलाई को भी घाटकोपर के इलाके में एक तीन मंजिला इमारत गिर गयी थी जिसमें तीन महीने के एक बच्चे समेत चार लोगों की मौत हो गयी.
2013 में एक आवासीय इमारत के गिरने से 60 लोगों की मौत हो गयी जो इस तरह का अब तक का सबसे बड़ा हादसा था.
एनआर/एके (एएफपी)