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मीराबाई ने भारत को 22 साल बाद गोल्ड दिलाया

३० नवम्बर २०१७

भारत को 22 साल बाद वेटलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल मिला है. मीराबाई चानु ने बुधवार को महिलाओं के 48 किलोग्राम वर्ग में थाईलैंड की थुनया सुकचारोएन को हराकर यह कामयाबी दिलायी.

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Brasilien Rio 2016 - Mirabai Chanu
फाइल फोटोतस्वीर: picture-alliance/epa/S. Lesser

अमेरिका के अनाहाइम शहर में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में पुरुषों के 56 किलोग्राम वर्ग में वियतनाम ने स्वर्ण और रजत पदक पाए जबकि 62 किलोग्राम वर्ग में कोलंबिया के फ्रांसिस्को मॉक्यूएरा वालेंशिया 2003 के बाद से पहले गैर एशियाई विजेता बने.

मीराबाई रियो ओलंपिक में कुछ खास नहीं कर पायी थी क्योंकि वह बहुत घबराई हुई थीं. हालांकि उनका कहना है कि वह अनाहाइम के कंवेंशन सेंटर में भी घबराई हुई थीं, लेकिन उन्होंने तीन क्लीन क्लीन और एक जर्क लिफ्ट के साथ कुल 194 किलोग्राम भार उठाते हुए सुकचारोएन को स्वर्ण पदक नहीं जीतने दिया, जबकि उन्हें पदक का पक्का दावेदार माना जा रहा था. केंद्रीय मंत्री और खुद ओलंपिक विजेता रहे राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने मीराबाई को बधाई दी है.

मीराबाई भारत में ट्विटर पर ट्रेंड कर रही हैं और बहुत से लोग उनके बारे में लिख रहे हैं. वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत की आखिरी विजेता कर्णम मल्लेश्वरी थी जो 2000 में भारत की पहली महिला ओलंपिक विजेता चैंपियन भी बनीं.

56 किलोग्राम वर्ग में वियतनाम के थाक किम ने 279 किलोग्राम उठाकर अपने ही देश के त्रान ले कुओक और थाईलैंड के वितून मिंगमून को पीछे छोड़ दिया. थाक किम के लिए यह कामयाबी इसलिए भी खास है क्योंकि पिछली तीन चैंपियनशिपों में वह उत्तर कोरिया के ओम युन-चोल से पिछड़ते रहे हैं.

फ्रांसिस्को मॉक्यूएरा वालेंशिया ने 2015 में रजत पदक जीता था. लेकिन इस बार उन्होंने 6 किलोग्राम की कमी को पूरा करते हुए जापान के योइची इतोकाजु और जॉर्जिया के शोता मिशवेलिद्जे को पछाड़ दिया. उत्तर कोरिया ने इस साल की चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं लिया जबकि नौ अन्य अग्रणीय देशों को डोपिंग के चलते प्रतिबंधित किया गया.

एके/ओएसजे (रॉयटर्स)