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मिसाल है जर्मनी का फैसला: मैर्केल

३१ मई २०११

जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल ने कहा है कि न्यूकलियर प्लांट बंद करने के अपने फैसले के साथ देश ने दुनिया के सामने मिसाल पेश की है. हालांकि यूरोप के सबसे बड़े परमाणु बिजली उत्पादक फ्रांस ने ऐसा करने से इनकार कर दिया.

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Bundeskanzlerin Angela Merkel (CDU) und Bayerns Ministerpraesident Horst Seehofer (CSU) unterhalten sich am Samstag (21.05.11) in Andechs bei der CSU-Klausurtagung im Kloster Andechs bei einer Pressekonferenz. Bei der Klausur des CSU-Vorstands im oberbayerischen Kloster Andechs steht das neue Energiekonzept der Partei im Mittelpunkt. Mehrere Spitzenpolitiker unterstuetzten am Freitag (20.05.11) beim Eintreffen am Tagungsort das Ziel eines Atomausstiegs in Bayern bis spaetestens im Jahr 2022. Die Klausur soll am heutigen Samstag mit einer gemeinsamen Pressekonferenz von Seehofer und Merkel enden. (zu dapd-Text) Foto: Joerg Koch/dapd
तस्वीर: dapd

जर्मनी ने फैसला किया है कि 2022 तक सारे परमाणु बिजली घर बंद कर दिए जाएंगे. इस बारे में चांसलर मैर्केल ने कहा कि दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ने अपनी ऊर्जा नीति पर आधारभूत विचार करके उद्योग और वातावरण संरक्षण के लिए नए रास्ते खोल दिए हैं. उन्होंने कहा, "हम मानते हैं कि एक देश के रूप में हम नवीनीकृत ऊर्जा स्रोतों के युग के रहनुमा बन सकते हैं. हम नवीनीकृत ऊर्जा की ओर जाने वाले पहले औद्योगिक देश हो सकते हैं और इसके साथ ही आयात, विकास, तकनीक और नौकरियां भी आएंगी."

फ्रांस का इनकार

लेकिन जर्मनी के पड़ोसी देश फ्रांस ने जर्मनी का अनुसरण करने से इनकार कर दिया है. फ्रांस ने कहा है कि वह जर्मनी के फैसले का सम्मान करता है लेकिन परमाणु बिजली का साथ छोड़ने को तैयार नहीं है. प्रधानमंत्री फॉन्सुयों फियों ने कहा कि यह भविष्य के लिए है. विदेश मंत्री एलां जुप्पे ने कहा, "हमें लगता है कि कम से कम अगले कुछ दशकों तक तो हमारा काम परमाणु ऊर्जा के बिना नहीं चलेगा."

फुकुशिमा से सीख

जर्मनी ने अपने सभी 17 संयंत्रों को आने वाले 11 साल के भीतर बंद करने का फैसला कर लिया है. इसके लिए मार्च में एक आयोग का गठन किया गया था जिसकी सिफारिशों को मान लिया गया. मैर्केल ने कहा, "हम चाहते हैं कि भविष्य की बिजली सुरक्षित हो और भरोसेमंद व सस्ती भी हो. हमने फुकुशिमा से सीखा है कि खतरों के साथ हमें अलग तरह से निपटना होगा."

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ईशा भाटिया

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