मिसाइलमैन को सोशल मीडिया की श्रद्धांजलि
२८ जुलाई २०१५एपीजे अब्दुल कलाम सही मायने में भारत की जनता के राष्ट्रपति थे. कोई उन्हें देश को मिसाइल और परमाणु हथियार देकर शक्तिशाली बनाने के लिए याद करता है तो कोई उनका सम्मान इसलिए करता है कि अभिमान उन्हें छू नहीं गया था, राष्ट्रपति बनने के बाद भी वे सामान्य जन बने रहे तो कोई बच्चों और छात्रों को प्रोत्साहित करने के उनके अथक कामों के लिए याद करता है.
लड़कियों की शिक्षा के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन नन्ही कली ने ट्वीट कर पूर्व राष्ट्रपति को उनके योगदानों के लिए श्रद्धांजलि दी है.
देविका को अफसोस है कि वह अपने हीरो को अंतिम विदाई देने के लिए दिल्ली नहीं पहुंच पा रही हैं. उन्होंने दिल्ली की जनता को सबकी ओर से पूर्व राष्ट्रपति को विदा करने का जिम्मा दिया है.
ट्विटर यूजर अनीत कौर ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा है कि वे सचमुच के प्रेरणा थे और उनकी कमी महसूस की जाएगी.
निमेश त्रिपाठी ने यूरोपीय संसद में एपीजे अब्दुल कलाम के भाषण को प्रेरणादायक बताया है और उसके कुछ हिस्सों को शेयर किया है. इस भाषण की बहुत सराहना हुई थी.
कलाम बच्चों की प्रेरणा थे. किसी और राष्ट्रपति के विपरीत उन्होंने राष्ट्रपति भवन छोड़ने के बाद अपना सबसे ज्यादा समय स्कूलों और कॉलेजों में गुजारा.
कुछ यूजर ने ट्विटर पर पूर्व राष्ट्रपति के सम्मान में अपना प्रोफाइल बदल दिया है.
तो प्रभासराजू जैसे कुछ यूजर उन्हें वापस पाना चाहते हैं
तो श्रेयांस शुक्ल जैसे यूजर आज के दिन को राष्ट्रीय श्रम दिवस घोषित करना चाहते हैं.