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मियांदाद बचाएंगे पाकिस्तान का क्रिकेट

११ जनवरी २०१०

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान जावेद मियांदाद अपने देश के क्रिकेट को बचाना चाहते हैं और उन्होंने प्रस्ताव दिया है कि वह राष्ट्रीय टीम को ख़राब फ़ॉर्म से निकालने में मदद करना चाहते हैं. पाकिस्तान वनडे और टेस्ट मैच हार रहा है.

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तस्वीर: AP

तीन बार पाकिस्तान क्रिकेट टीम के राष्ट्रीय कोच रह चुके जावेद मियांदाद का कहना है कि उनके पास टीम के नियमित कोच बनने का वक्त नहीं है लेकिन वह इसके मौजूदा फ़ॉर्म से चिंतित हैं और इसकी मदद करना चाहते हैं. 1998 से 2004 के बीच मियांदाद तीन बार पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कोच रह चुके हैं. वह फ़िलहाल पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के डायरेक्टर जनरल हैं.

मियांदाद ने कहा, "मैं आज जिस जगह पर हूं, वहां तब तक कुछ नहीं कर सकता, जब तक मुझे कहा न जाए. कुछ लोगों का मानना है कि मैं बोर्ड में सिर्फ़ पैसों के लिए काम कर रहा हूं, जो ग़लत है. यह सही नहीं है. मैं बोर्ड में काम कर रहा हूं क्योंकि राष्ट्रपति ने मुझे ऐसा करने को कहा है."

Javed Miandad ehemaliger Cricketspieler
राष्ट्रपति के कहने पर पीसीबी में मियांदादतस्वीर: AP

पाकिस्तान की ओर से पांच वर्ल्ड कप खेल चुके जावेद मियांदाद का कहना है कि वह पहले भी कई बार पीसीबी से इस्तीफ़ा दे चुके हैं और अभी सिर्फ़ राष्ट्रपति के कहने पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के सदस्य रह चुके और 124 टेस्ट मैच खेल चुके मियांदाद का कहना है कि वह क्रिकेट में कोचिंग की प्रथा से सहमत नहीं हैं क्योंकि राष्ट्रीय टीम में सिर्फ़ पेशेवर खिलाड़ी शामिल होते हैं. उनसे अपेक्षा रहती है कि वे लगातार अच्छा प्रदर्शन करें और नतीजे दें.

उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पोन्टिंग की मिसाल देते हुए कहा, "आप पोन्टिंग की ओर देखिए. उन्होंने 11000 रन बनाए हैं लेकिन जब वे नतीजे नहीं दे पा रहे हैं तो उन्हें हटाने की बात चल रही है. भारत क्रिकेट में बहुत आगे निकल गया क्योंकि उसे पता था कि किस वक्त सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण जैसे सीनियर खिलाड़ियों को वनडे और ट्वेन्टी 20 से हटाना है."

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः आभा मोंढे