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मिथुन के खट्टे मीठे अनुभव

२७ मई २०१३

मिथुन चक्रवर्ती ने जीवन की आधी सदी पार करने के बाद जो कामयाबी हासिल की है उसकी दूसरी मिसाल मुश्किल है. मिथुन अब बांग्ला में बिग बॉस की मेजबानी करेंगे.

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तस्वीर: STR/AFP/Getty Images

कोलकाता में डीडब्ल्यू से एक खास बातचीत में मिथुन ने अतीत के पन्ने पलटे और भावी योजनाओं के बारे में चर्चा की.

डीडब्ल्यूः आप बिग बॉस के बांग्ला संस्करण की मेजबानी करने वाले हैं. कैसा लग रहा है ?

बहुत अच्छा. मुझसे पहले हिंदी में बड़े-बड़े सितारे यह शो कर चुके हैं. लेकिन यह भूमिका बहुत कठिन है. चौबीसो घंटे कैमरे की निगरानी में रहना आसान काम नहीं है. बिग बॉस के घर और वहां रहने वालों का बाहरी दुनिया से एकमात्र संपर्क सूत्र बनना गर्व की बात है. यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे इस शो की मेजबानी के लिए चुना गया है. अब मैं बेसब्री से इसकी शूटिंग शुरू होने का इंतजार कर रहा हूं.

मृणाल सेन की फिल्म मृगया में बेहतरीन अभिनय के जरिए हिंदी फिल्मों में दस्तक देने के बावजूद आप कुछ अरसे तक परदे से गायब हो गए. इसकी क्या वजह थी ?

मेरे लिए वह बुरा दौर था. दरअसल, मृगया एक कला फिल्म थी. उन दिनों तमाम निर्माता-निर्देशक मेरे काम की सराहना करते हुए पीठ थपथपाते थे लेकिन काम कहीं से नहीं मिलता था.

आपने बिना सोचे-समझे थोक भाव में फिल्में हाथ में ले ली थीं. क्या उसका भी खमियाजा भुगतना पड़ा ?

हां, आर्थिक सुरक्षा के लिए मैंने कुछ फिल्में बिना सोचे-समझे जरूर हाथ में ले ली थीं. उनका खमियाजा भी मुझे भुगतना पड़ा. किसी फिल्म के हिट या फ्लाप होने का गणित अभिनेता के लिए समझना मुश्किल है. वह दौर आज से अलग था. उस समय हिट, फ्लॉप या सौ करोड़ वाला गणित आज की तरह नहीं था.

फिल्मी दुनिया में अपने तीन दशक से भी लंबे करियर को कैसे देखते हैं ?

करियर में खट्टा-मीठा हर तरह का अनुभव रहा. करियर के शुरूआती दौर में कई फ्लॉप फिल्में भी दी हैं. लेकिन उनसे भी काफी कुछ सीखने को मिला. इस मुकाम तक पहुंचने के लिए मुझे कई बाधाओं और मुसीबतों का सामना करना पड़ा है.

मौजूदा दौर में एक बार फिर अगर मृगया जैसी फिल्म में काम करने का मौका मिले तो क्या करेंगे ?

मैं बेहिचक इसके लिए हामी भर दूंगा. लेकिन अब ऐसी फिल्में बनाने वाले कहां रहे?

Mithun Chakraborty und Sourav Ganguly
तस्वीर: DW/P. Tewari

आमतौर पर करियर के ढलान में अभिनेताओं के पास खासकर हीरो का काम नहीं होता. आपके साथ ठीक उल्टा है ?

यह मेरी मेहनत और लगन का नतीजा है. इसके अलावा मैं उन लोगों का आभारी हूं जिन्होंने पचास पार की उम्र में भी मुझे हीरो की भूमिका के लिए चुना. मुझे इस बात की खुशी है कि उनकी अपेक्षाओं पर मैं खरा उतरा. यह सही है कि उम्र की ढलान पर पहुंचने के बाद मैंने करियर की नई ऊंचाइयां हासिल की हैं. इनमें फिल्मकारों के अलावा घर-परिवार, दोस्तों और शुभचिंतकों का भी योगदान है. फिल्मप्रेमियों ने भी इस उम्र में मुझे हाथोंहाथ लिया. इसके लिए खुद को भाग्यशाली मानता हूं.

डिस्को डांसर और डांस डांस जैसी फिल्मों में अपने अभिनय से आपने हिंदी फिल्मों में डांस को एक नया मुकाम दिलाया था. डांस का आपके जीवन कितना महत्व है?

डांस मेरा पहला प्यार है. अब भी इसका अभ्यास करता हूं. लेकिन उम्र भी धीरे-धीरे असर दिखाने लगी है. इसलिए पहले की तरह तो नहीं हो पाता. पिर भी मैं अपनी ओर से भरसक प्रयास करता हूं. मैं डांस इंडिया डांस जैसे रियलिटी शो का जज भी रह चुका है. एक बार फिर यह शो शुरू होने वाला है.

इंटर्व्यूः प्रभाकर, कोलकाता

संपादनः एन रंजन

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