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मिजोरम के स्कूलों में ड्रेस कोड

२८ नवम्बर २०१०

भारत के पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम के स्कूलों में अब अभद्र ड्रेस नहीं चलेगी. राज्य सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग ने अगले शिक्षण सत्र से तमाम स्कूलों में ड्रेस कोड लागू करने का फैसला किया है.

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कई छात्रों ने किया विरोधतस्वीर: AP

मिजोरम भारत का पहला ऐसा राज्य है जहां सरकार ने स्कूलों के लिए ड्रेस कोड लागू किया है. अब तक स्कूलों में कोई भी ड्रेस पहनने की छूट थी. लेकिन सरकार को लगा कि खासकर तमाम छात्राएं छोटी और अभद्र ड्रेस पहन कर स्कूल आती हैं. इससे नैतिकता के सवाल पैदा होते हैं.

इससे पहले सरकार ने इस साल स्कूली ड्रेस और हेयर स्टाइल पर सुझावों के लिए एक समिति का गठन किया था. सरकार का ताजा निर्देश उस समिति के रिपोर्ट के बाद ही आया है. मिजो जिरलाई पॉल यानी छात्र संघ लंबे अरसे से सरकार से स्कूलों में अभद्र ड्रेस पहनने पर रोक लगाने की मांग कर रहा था. उसके बाद ही सरकार ने उक्त समिति का गठन किया था.

छात्र संघ ने कहा था कि फिलहाल स्कूली छात्राओं की पोशाक काफी अभद्र है. संघ ने खासकर छात्राओं की उस मिनी स्कर्ट पर आपत्ति जताई थी, जिसमें उनके अंडर गार्मेंट यानी अंदरुनी वस्त्र तक नजर आते थे. स्कूली शित्रा मंत्रालय के सचिव ईस्थर लाइरुआतकीमी कहते हैं कि यह सरकारी आदेश अगले शिक्षण सत्र के दौरान प्राथमिक से हायर सेकेंडरी यानी बारहवीं तक लागू होगा. सरकारी आदेश में छात्रों-छात्रों के लिए कई दिशानिर्देश भी जारी किए गए हैं. वह बताते हैं, "सरकारी निर्देश का पहली बार उल्लंघन करने वालों को तीन सौ रुपये का जुर्माना भरना होगा. दूसरी बार इसके लिए पांच सौ रुपये अदा करने होंगे. लेकिन तीसरी बार यही गलती दोहराने पर उसे स्कूल से निकाल दिया जाएगा."

लाइरुआतकीमी कहते हैं, "यह निष्कासन स्कूल के नियनों के तहत होगा और ट्रांसफर सर्टिफिकेट में भी इसका जिक्र होगा." सरकारी आदेश में इसका भी जिक्र है कि इसको लागू करने में नाकाम रहने वाले स्कूल प्रबंधन के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.

सरकारी आदेश में कहा गया है कि कोई भी छात्र या छात्रा चुस्त या ढीली पोशाक पहन कर स्कूल में नहीं आ सकती. इस आदेश में बालों के रंग, गहनों, लिपस्टिक, इत्र, नेल पालिश, आई लाइनर आदि के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी गई है. सरकार ने कहा है कि स्कूल में कोई भी छात्र पेन ड्राइव, वॉकमैन या इसी तरह के दूसरे उपकरण नहीं ला सकता. मिजोरम सरकार ने कहा है कि कोई भी छात्र स्कूल में दोपहिया वाहन लेकर नहीं आ सकता. यही नहीं, वह स्कूल यूनिफार्म में कोई कार भी नहीं चला सकता.

सरकार ने कहा है कि कोई भी छात्र गुटखा, सिगरेट, तंबाकू या स्कूली किताबों से अलग किसी तरह की पत्रिका लेकर भी स्कूल में नहीं आ सकता.

पश्चिम संस्कृति के रंग में रंगे मिजोरम में इस आदेश से जहां अभिभावकों ने राहत की सांस ली हैं, वहीं छात्रों ने इसका विरोध किया है. राजधानी आईजल की एक छात्रा लेंगपुई कहती है, "यह ज्यादाती है. हमें अपनी मर्जी के मुताबिक कपड़े पहनने की आजादी होनी चाहिए."

रिपोर्टः प्रभाकर, आईजल

संपादनः ए कुमार

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