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मानवाधिकारों पर लेक्चर नहीं चाहिए: वेन

२८ जून २०११

बर्लिन में जर्मनी और चीन के बीच साझा कैबिनेट बैठक से पहले चीनी प्रधानमंत्री ने साफ किया है कि उनके देश को मानवाधिकारों पर पश्चिम से किसी लेक्चर की जरूरत नहीं है और यूरोप चीन के अंदरूनी मामलों में दखल न दे.

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German Chancellor Angela Merkel, center, and German Economic Minister Philipp Roesler, right, watch Chinese Prime Minister Wen Jiabao, left, prior to an economic forum in Berlin, Germany, Tuesday, June 28, 2011. The Chinese Prime Minister stays for a two-day official visit in Germany.(Foto:Gero Breloer/AP/dapd)
वेन और मैर्केलतस्वीर: dapd

चीनी प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ बर्लिन आने से पहले लंदन में ब्रिटिश प्रधानमंत्री के साथ 1.6 अरब डॉलर के समझौतों पर हस्ताक्षर किए. साथ ही वेन ने मानवाधिकारों पर चीन के रिकॉर्ड को लेकर उठाए जाने वाले सवालों पर तवज्जो नहीं दी. जर्मनी में भी चांसलर अंगेला मैर्केल, प्रधानमंत्री वेन और दोनों देशों के कुल 23 मंत्री एक साथ बैठक करेंगे और 22 सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे जो कई अरब यूरो के कारोबार से जुड़े हैं. दुनिया की दूसरे नंबर की अर्थव्यवस्था चीन और चौथे नंबर की अर्थव्यवस्था जर्मनी के बीच हाल के सालों में बड़ी तेजी से कारोबार बढ़ा है जो 2010 में 130 अरब यूरो के आसपास रहा. दोनों देश इसे 2015 तक बढ़ाकर 200 अरब यूरो करना चाहते हैं.

मानवाधिकारों पर तकरार

सोमवार शाम मैर्केल ने प्रधानमंत्री वेन और उनके करीबी मंत्रियों को खास दावत दी. हालांकि जर्मनी ने इस रुख को दोहराया कि कारोबार की खातिर वह मानवाधिकारों पर मौजूद चिंता से मुंह नहीं मोड़ेगा. मैर्केल ने कहा, "कुछ मुद्दों पर हमारे मतभेद हैं लेकिन मुझे विश्वास है कि हम उन पर चर्चा कर सकते हैं."

लेकिन वेन ने मंगलवार को साफ कर दिया कि उन्हें यूरोपीय साझीदारों से मानवाधिकारों के मुद्दे पर कोई लेक्चर नहीं चाहिए. बर्लिन के एक होटल में जर्मन और चीनी उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए चीनी प्रधानमंत्री ने कहा, "यूरोपीय संघ के लोगों ने जो राजनीतिक व्यवस्था और विकास का मॉडल चुना है, चीन उसका सम्मान करता है. बदले में हम भी उम्मीद करते हैं कि यूरोपीय संघ हमारी संप्रभुता, हमारी क्षेत्रीय एकता और चीनी लोगों की स्वायत्त पसंदों का सम्मान करे."

जर्मनी से उम्मीद

जर्मनी ने पिछले दिनों रिहा किए गए चीनी सरकार विरोधी हू चिया और उसके पहले बड़बोले चीनी कलाकार आई वेईवेई की रिहाई का स्वागत किया. जर्मनी सहित पश्चिमी देशों ने बार बार चीन से वेईवेई को रिहा करने को कहा. लेकिन अब जर्मनी ने हू और आई पर लगी पाबंदियों की आलोचना की है. दोनों ही मीडिया से बात नहीं कर सकते.

मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वाच ने जर्मन सरकार से आग्रह किया है कि चीन सरकार के साथ मानवाधिकार के मुद्दे को उठाया जाए क्योंकि आई की रिहाई दिखाती है कि राजनीतिक दबाव चीनी सरकार पर काम करता है. वेन के दो दिवसीय दौरे में बर्लिन में मानवाधिकारों के मुद्दे पर प्रदर्शन भी हो सकते हैं. तिब्बतियों के एक समूह ने कहा है कि जब मैर्केल चांसलर कार्यालय में सैनिक सम्मान के साथ वेन का स्वागत करेंगी, वे आसमान में 300 काले गुब्बारे उड़ाएंगे ताकि सिछुआन प्रांत में हिरासत में रखे गए 300 बौद्ध भिक्षुओं की तरफ ध्यान दिलाया जा सके.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ए कुमार

संपादन: महेश झा

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