माइकल जैक्सन की वापसी
२८ अक्टूबर २००९और सिर्फ़ अमेरिका में 1,000 शो के टिकट पहले ही बिक चुके हैं. फ़िल्मी पंडितों का अनुमान है कि कुछ डॉक्यूमेंट्री, कुछ रिहर्सल और कुछ जीवन के रंगों से काट छांट कर बनाई गई फ़िल्म से 10 करोड़ डॉलर तक की कमाई हो सकती है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड ही होगा.
पॉप संगीत के शहंशाह माइकल जैक्सन संगीत की दुनिया में वापसी की तैयारी कर रहे थे और लंदन में उनके 50 शो होने वाले थे. अमेरिका के लॉस एंजिलिस में वह इसके लिए जीतोड़ मेहनत कर रहे थे. लगातार रिहर्सल हो रहा था. लेकिन जुलाई में शो शुरू होने से सिर्फ़ तीन हफ़्ते पहले अचानक उनकी मौत हो गई.
माइकल की वापसी की तमन्ना कभी पूरी नहीं हो पाई. लेकिन अब इस फ़िल्म के ज़रिए उनके चाहने वाले इस फ़िल्म के ज़रिए एमजे को एक बार फिर जनता के सामने लाना चाहते हैं. माइकल "दिस इज़ इट" नाम से ही शो करने वाले थे.
लंदन में शो कराने की ज़िम्मेदार एईजी ने माइकल जैक्सन की मौत के बाद सोनी कॉर्पोरेशन से समझौता किया. सोनी की मिल्कियत वाली कोलंबिया पिक्चर्स को 80 घंटे के वीडियोटेप सौंप दिए गए. इन वीडियोटेप में माइकल जैक्सन के आख़िरी दिनों की रिहर्सल रिकॉर्ड है.
एईजी ने इन वीडियो से माइकल जैक्सन पर फ़िल्म बनाने की इजाज़त दे दी और इसे डायरेक्ट करने का ज़िम्मा भी जैक्सन के पुराने दोस्त केनी ओर्टेगा को सौंपा गया. पहले इस वीडियो को माइकल अपने निजी इस्तेमाल के लिए रखना चाहते थे.
ओर्टेगा इस फ़िल्म को लेकर बहुत उत्साहित हैं. उनका कहना है, "यह फ़िल्म अपने हुनर के बाज़ीगर की कहानी है." माइकल जैक्सन ने सिर्फ़ छह साल की उम्र में म्यूज़िक इंडस्ट्री में क़दम रखा और पॉप संगीत की दुनिया में पिछले लगभग चार दशकों में उन्हें कोई छू भी नहीं पाया.
1982 में रिलीज़ हुआ उनका अल्बम "थ्रिलर" आज भी सबसे ज़्यादा बिकने वाला अल्बम बना हुआ है. माइकल जैक्सन को 13 बार ग्रैमी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है, जबकि दो बार वह हॉल ऑफ़ फ़ेम में भी जा चुके हैं.
ओर्टेगा इस फ़िल्म को अपने आप में अद्भुत बताते हैं. उनका कहना है, "यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि मैं माइकल के रास्ते को दुनिया के सामने ला रहा हूं. इस फ़िल्म के ज़रिए माइकल की कला और उनके हुनर के बारे में भी पता लग पाएगा. यह एक ऐसा मौक़ा होगा, जहां पर्दे के पीछे झांक कर माइकल जैक्सन के बारे में जाना जा सकेगा."
माइकल जैक्सन लंदन में शो के ज़रिए वापसी करना चाहते थे. हालांकि वह ऐसा कर नहीं पाए. उन्होंने अपना आख़िरी सफल शो 2,000 में किया था. माइकल पर 1990 के दशक में बच्चों के यौन शोषण का आरोप लगा, जिसके बाद 2003 में उन्हें गिरफ़्तार भी होना पड़ा.
हालांकि दो साल बाद 2005 में उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया गया. पर निगेटिव प्रचार पा चुके माइकल जैक्सन का रुतबा बदल गया था. वह "दिस इज़ इट" के साथ संगीत की दुनिया में वापसी करना चाहते थे.
माइकल जैक्सन की वापसी तो हो रही है लेकिन उनके बग़ैर. उनके शहर लॉस एंजिलिस में उनकी इस फ़िल्म का प्रीमियर गुरुवार को छह बजे शाम किया जाएगा. यानी भारत में शुक्रवार तड़के लगभग छह बजे. इसके बाद शुक्रवार को ही यह फ़िल्म पूरी दुनिया में एक साथ रिलीज़ कर दी जाएगी. भारत में भी.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः एस गौड़