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हाजी अली दरगाह में घुसने की कोशिश

विश्वरत्न श्रीवास्तव२८ अप्रैल २०१६

पूजा स्थलों में महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव को लेकर महिलाओं की लड़ाई तेज होती जा रही है. मंदिरों में प्रवेश की मुहिम की कामयाबी के बाद अब दरगाह हाजी अली में प्रवेश के लिए महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया है.

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Ahmednagar Indische Aktivisten demonstrieren für Recht zu beten
तस्वीर: Getty Images/AFP/STR

हाजी अली की दरगाह में प्रवेश के लिए मुस्लिम महिलाओं के आंदोलन को भूमाता ब्रिगेड का साथ मिल गया है. धार्मिक स्थलों में महिलाओं के प्रवेश पर रोक के खिलाफ आंदोलन चलाने वाली भूमाता ब्रिगेड की तृप्ति देसाई की अगुआई में अब महिलाएं हाजी अली दरगाह में प्रवेश के लिए अभियान चला रही हैं.

इबादत का समान हक

लम्बे समय के संघर्ष के बाद महिलाओं को शनि शिंगणापुर, त्र्यंबकेश्वर मंदिर और महालक्ष्मी मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश का अधिकार मिल पाया है. इस सफलता से भूमाता ब्रिगेड में उत्साह है. हाजी अली दरगाह की मजार पर महिलाओं के जाने की पाबंदी को अनुचित बताते हुए भूमाता ब्रिगेड की अध्यक्ष तृप्ति‍ देसाई का कहना है कि मुस्लिम महिलाओं के संघर्ष में उनकी संस्था पूरा सहयोग करेगी.

भूमाता ब्रिगेड ने इसके लिए 'हाजी अली फॉर एवरीबडी' के साथ हाथ मिलाया है. यह मुस्लिम ऐक्टिविस्टों का समूह है, जो हाजी अली दरगाह में मुस्लिम महिलाओं को प्रवेश की आजादी देने की लड़ाई रहा है. इससे जुड़े जावेद आनंद का कहना है कि हाजी अली दरगाह में महिलाओं को रोकना धार्मिक है ही नहीं.

समर्थन की अपील

मुस्लिम महिलाओं के हक के लिए लड़ने वाला एक समूह भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन बीएमएमए हाजी अली दरगाह के ट्रस्टी के साथ कानूनी लड़ाई भी लड़ रहा है. बीएमएमए ने दरगाह में महिलाओं के प्रवेश के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की है. संगठन का कहना है कि महिलाओं को दरगाह में जाने से रोकना असंवैधानिक है.

भूमाता ब्रिगेड ने महिलाओं को अधिकार दिलाने के लिए प्रबुद्ध वर्ग से सामने आने की अपील की है. इसी क्रम में उन्होंने शाहरुख खान, सलमान खान और आमिर खान से अनुरोध किया है कि यह तीनों सितारे समानता की इस लड़ाई के बारे में अपने विचार सामने रखें. तृप्ति देसाई का मानना है कि फिल्मी सितारों के साथ आने से समानता की इस लड़ाई में महिलाओं को काफी फायदा मिलेगा. भूमाता ब्रिगेड और महिला कार्यकर्ता अपने अधिकारों की लड़ाई को और व्यापक बनाने की कोशिश में हैं.

Ahmednagar Indische Aktivisten demonstrieren für Recht zu beten
तस्वीर: Getty Images/AFP/STR

विरोध के स्वर भी

महिलाओं को इबादत का समान अधिकार दिलाने का अभियान चला रही तृप्ति देसाई के “हाजी अली कूच” का चौतरफा विरोध भी हो रहा है. उनके इस कदम के विरोध में एमआईएम और दूसरे धार्मिक संगठन एक साथ हो गए हैं. दरगाह के ट्रस्टी का का कहना है कि किसी पुरुष मुस्लिम संत की कब्र पर महिलाओं का जाना इस्लाम में गुनाह है. इसलिए दरगाह के गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी सही है.

मुस्लिम धर्मगुरु खालिद रशीद फिरंगी महली का कहना है कि धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार सबको है लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि धर्म के नियमों की अवहेलना की जाए. बीएसपी प्रमुख मायावती ने मामले को धर्म से संबंधि‍त होने के कारण फैसला धर्मगुरुओं पर छोड़ने की बात कही है. उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि हर धर्म के अपने रिवाज हैं और उसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. यह मामला उस धर्म के धर्मगुरुओं के ऊपर छोड़ देना चाहिए."

टकराव की स्थिति

एमआईएम दरगाह में तृप्ति देसाई के प्रवेश का विरोध कर रही है. एमआईएम के नेता हाजी रफात हुसैन ने तृप्ति देसाई को कालिख पोतने की धमकी दी है. रफत हुसैन का कहना है‍ कि अगर तृप्ति‍ दरगाह में जबरन घुसने की कोशि‍श करती हैं तो उनके ऊपर काली स्याही फेंकी जाएगी. एमआईएम के अलावा इस्लामिक सगंठन अवाम विकास पार्टी की खातून ब्रिगेड ने भी ऐलान किया है कि वो किसी भी हाल में इस्लामिक परंपरा टूटने नहीं देंगे.

समाजवादी पार्टी की महिला शाखा ने भूमाता ब्रिगेड के दरगाह कूच का विरोध किया है. समाजवादी पार्टी से जुड़ी कई महिलाओं ने भी तृप्ति को मजार में जाने से रोकने के लिए किसी भी हद तक जाने की बात कही है. हाजी अली में महिलाओं के प्रवेश को लेकर टकराव की स्थिति बनती जा रही है. इस टकराव को रोकने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. पुलिस ने दरगाह के चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी है.