मलेशिया में 1600 गिरफ्तार
९ जुलाई २०११प्रदर्शन के दौरान विपक्ष के नेताओं को भी गिरफ्तार किया गया. हालांकि उनका दावा है कि गिरफ्तारियों के बाद भी उनका प्रदर्शन सफल रहा और राजधानी की सड़कों पर करीब 50,000 लोग जमा हुए. अगले साल के शुरू में चुनाव होने हैं और विपक्ष की मांग है कि देश की चुनाव प्रक्रिया में बड़े बदलाव की जरूरत है.
विपक्ष के नेता अनवर इब्राहीम का कहना है कि पुलिस की कार्रवाई में उनके सिर और पैर में चोट आई है. सेक्स कांड की वजह से इब्राहीम पर मुकदमा चल रहा है. 62 साल के पूर्व उप प्रधानमंत्री ने कहा, "उन्होंने सीधे हम पर फायर किया. मैं मुश्किल से सांस ले पा रहा था. पुलिस ने क्रूर कार्रवाई की है लेकिन फिर भी मैं इस प्रदर्शन को सफल मानता हूं."
विपक्ष की मांग है कि बोगस वोटिंग रोकने के लिए खास स्याही का प्रयोग किया जाना चाहिए, सभी पार्टियों के लिए मीडिया की उपलब्धता होनी चाहिए और वोटिंग प्रक्रिया में बदलाव किया जाना चाहिए. विपक्षी पार्टियां मिल कर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. इब्राहीम के नेतृत्व में 2008 में उनकी पार्टी ने स्थानीय चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया है और उनका कहना है कि अगर निष्पक्ष चुनाव होते तो उन्हें और कामयाबी मिलती. 2007 के बाद शनिवार को मलेशिया में सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ है.
शनिवार को भारी बारिश के बीच प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच चूहे-बिल्ली का खेल होता रहा. एक बार पुलिस की लाठियां चलने के बाद प्रदर्शनकारी तितर बितर हो जाते लेकिन जल्द ही फिर से इकट्ठा हो जाते. कुछ हिम्मतवर लोगों ने तो पुलिस के फेंके हुए आंसू गैस के गोले उठा कर उनकी तरफ ही उछाल दिए.
पुलिस के फेसबुक पेज के मुताबिक 1667 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से 16 बच्चे हैं, जो अपने परिवार वालों के साथ आए थे. हालांकि बाद में कई लोगों को छोड़ दिया गया. रैली की वजह से क्वालालंपुर के बाजार शनिवार को बंद रहे, जहां आम तौर पर सप्ताहांत में चहल पहल रहती है.
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने मलेशिया पुलिस की कार्रवाई की निंदा की है और अधिकारियों से अपील की है कि गिरफ्तार लोगों को फौरन रिहा किया जाए. न्यू यॉर्क के मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच ने भी इस घटना की निंदा की है.
रिपोर्टः एएफपी/ए जमाल
संपादनः एस गौड़