1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

मलाला नोबेल के लिए नामित

१ फ़रवरी २०१३

हिम्मत, जज्बा, साहस, महिला अधिकार, शिक्षा और आतंकवाद के खिलाफ प्रतीक. पंद्रह साल की उम्र में एक साथ इन सभी को संजो कर चलने वाली मलाला यूसुफजई को इस साल नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है.

https://p.dw.com/p/17Wb7
तस्वीर: Reuters

मलाला फिलहाल ब्रिटेन के बर्मिंघम शहर में इलाज करा रही है. उसका दूसरा ऑपरेशन होना है. पिछले साल नौ अक्तूबर को तालिबान ने स्वात घाटी में उसे स्कूल बस में घुस कर गोली मार दी थी. इसके बाद जख्मी मलाला का पहले पाकिस्तान के सैनिक अस्पताल में इलाज हुआ और बाद में उसे सर्जरी के लिए ब्रिटेन भेज दिया गया. उसका एक ऑपरेशन हो चुका है, जबकि डॉक्टर दूसरे ऑपरेशन की तैयारी कर रहे हैं.

हमले के बाद से ही मलाला महिला शिक्षा की प्रतीक बन कर उभरी है. तालिबान का दावा है कि मलाला महिला शिक्षा को बढ़ावा देती है और इसी वजह से उस पर हमला किया गया. पाकिस्तान में आम तौर पर तालिबान के प्रभाव वाले इलाकों में महिलाएं शिक्षा से दूर हैं.

मिसाल बने मलाला

ओस्लो के पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रमुख क्रिस्टियान बेर्ग हार्पविकेन ने कहा, "मलाला को अगर पुरस्कार दिया गया तो यह न सिर्फ सही समय पर मानवाधिकार और लोकतंत्र के लिए मिसाल होगा, बल्कि बच्चों और शिक्षा का एजेंडा भी सही जगह आ सकेगा."

Malala Yousafzai
तस्वीर: picture-alliance/dpa

इससे पहले मलाला यूसुफजई का नाम अमेरिकी की प्रतिष्ठित टाइम पत्रिका ने पिछले साल 'पर्सन ऑफ द ईयर' के लिए भी नामित किया था. हालांकि आखिर में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा पर्सन ऑफ द ईयर घोषित किए गए.

दिसंबर में पुरस्कार

नोबेल पुरस्कारों की घोषणा अक्तूबर में की जाती है और ये पुरस्कार दिसंबर में दिए जाते हैं. लेकिन इनके लिए नामांकन की आखिरी तारीख 31 जनवरी तक होती है. इसके बाद करीब नौ महीने तक जांच पड़ताल और बहस के बाद नोबेल पुरस्कार के विजेताओं के नाम घोषित किए जाते हैं.

नोबेल पुरस्कार के विजेताओं के बारे में आखिरी समय तक कुछ पता नहीं लग पाता है. पिछले 50 साल से नामांकनों को गुप्त रखा जाता है. लेकिन हजारों लोग और प्रतिष्ठानों को लोगों या संगठनों को नामांकित करने का अधिकार होता है. दुनिया भर के नोबेल पुरस्कार विजेता और सरकारों के पास भी इसका अधिकार होता है. कुछ अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को इस बात की इजाजत है कि वे अपने नामांकन वाले नामों को सार्वजनिक कर सकते हैं. मलाला के मामले में पता चला है कि फ्रांसीसी, कनाडाई और नॉर्वे के सांसदों ने पाकिस्तानी किशोरी का नाम नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया है.

Malala Yousafzai aus dem Krankenhaus entlassen
तस्वीर: picture-alliance/dpa

कमेटी पर विवाद

नॉर्वे की नोबेल कमेटी के पांच सदस्यों का चयन नॉर्वे की संसद करती है. आखिरी फैसला इन्हीं पांच सदस्यों का होता है. यह बरसों बरस से अपने फैसलों की वजह से विवादों में भी रहा है. दुनिया में अहिंसा के सबसे बड़े प्रतीक भारत के महात्मा गांधी का नाम पांच बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया लेकिन उन्हें यह पुरस्कार नहीं दिया गया. आखिरी बार 30 जनवरी 1948 को उनकी हत्या के बाद 31 जनवरी को नाम वापस लेना पड़ा क्योंकि नोबेल पुरस्कार सिर्फ जीवित लोगों को दिया जाता है. नोबेल फाउंडेशन ने गांधी के सम्मान में 1948 में किसी को शांति पुरस्कार नहीं दिया और इसके बाद से हर साल इस बात का अफसोस जताता है कि गांधीजी को यह पुरस्कार नहीं दिया जा सका.

हालांकि नामांकन को भी लेकर बवाल हो चुके हैं. जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर, इटली के बेनिटो मुसोलिनी और यहां तक कि माइकल जैक्सन को भी नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया जा चुका है. इसके अलावा कुछ बेतुके फैसले हो चुके हैं, मसलन 2009 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को शांति पुरस्कार देना. ओबामा ने 20 जनवरी 2009 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली और 31 जनवरी यानी 11 दिन के अंदर उन्हें नामांकित कर दिया गया. इसी तरह पिछले साल यूरोपीय संघ को शांति पुरस्कार दिया गया, जो टूट की कगार पर खड़ा है.

कयास का बाजार

हर साल नोबेल विजेताओं के नाम पर खूब कयास लगते हैं और कई बार ये सही भी साबित होते हैं. इस साल अभी से बिल और हिलेरी क्लिंटन, अमेरिका की मिलिट्री रिलीजियस फ्रीडम फाउंडेशन और ब्रिटेन के निकोलस विनटन के नाम की चर्चा चल रही है. इसके अलावा मिस्र की मदर टेरेसा के नाम से मशहूर मैगी गोबरान के नाम पर भी चर्चा चल रही है.

एजेए/ओएसजे (एएफपी, रॉयटर्स)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें