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मनमोहन सिंह कैबिनेट में फेरबदल आज

१९ जनवरी २०११

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आज अपने मंत्रिमंडल में नए चेहरों को मौका दे सकते हैं या फिर जाने पहचाने मंत्रियों के विभागों में बदलाव कर सकते है. यूपीए कैबिनेट में वित्त, गृह, रक्षा और विदेश मंत्रालय में बदलाव की संभावना नहीं.

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तस्वीर: AP

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच मंगलवार शाम दो घंटे तक चली बैठक में कैबिनेट में फेरबदल को आखिरी रूप दिया गया. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक नए मंत्रियों को शपथ बुधवार शाम पांच बजे दिलाई जाएगी. इस बात के कयास लग रहे हैं कि कैबिनेट में बड़े बदलाव किए जाएंगे या फिर मामूली फेरबदल होगा. इस बात की पूरी संभावना है कि कांग्रेस अपने पास चारों बड़े मंत्रालय रखेगी. माना जा रहा है कि वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी, रक्षा मंत्री एके एंटनी, गृह मंत्री पी चिदंबरम और विदेश मंत्री एसएम कृष्णा अपने पद पर बने रहेंगे.

Jyoti Basu Manmohan Singh
तस्वीर: AP

क्या सोचा मनमोहन ने

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मुलाकात के दौरान सोनिया गांधी के साथ उनके राजनीतिक सचिव अहमद पटेल मौजूद थे. मंगलवार शाम वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी भी सोनिया गांधी से मिले. भारतीय मीडिया में ऐसी भी चर्चा है कि कुछ मंत्रियों जैसे वीरभद्र सिंह और कांतिलाल भूरिया को पार्टी संगठन में वापस बुलाया जा सकता है.

कैबिनेट फेरबदल में कृषि मंत्री शरद पवार से उपभोक्ता मामलों की जिम्मेदारी वापस ली जा सकती है. पवार खाद्य पदार्थों की बढ़ी हुई कीमतों पर जबर्दस्त आलोचना झेल रहे हैं और उनकी वजह से सरकार को भी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है. शरद पवार के पास कृषि मंत्रालय, उपभोक्ता मामले, खाद्य और वितरण मंत्रालय हैं और इनमें से एक विभाग की जिम्मेदारी वापस ली जा सकती है.

पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा के इस्तीफे के बाद कपिल सिब्बल को दूरसंचार मंत्रालय सौंपा गया है और फिलहाल यह जिम्मेदारी उन्हीं के पास रहने की पूरी संभावना है. कपिल सिब्बल के पास भी तीन मंत्रालय हैं; विज्ञान और तकनीक, दूरसंचार मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय. सिब्बल से विज्ञान और तकनीक या मानव संसाधन विकास मंत्रालय में से एक विभाग वापस लिया जा सकता है.

कुछ नए मंत्री

कानून मंत्री वीरप्पा मोइली को नया मानव संसाधन विकास मंत्री बनाया जा सकता है और अगर ऐसा होता है तो कानून मंत्रालय सलमान खुर्शीद को सौंपा जाएगा. वैसे मानव संसाधन विकास मंत्रालय कपिल सिब्बल के पास रहने की ज्यादा संभावना इसलिए है क्योंकि उन्होंने सुधार प्रक्रिया शुरू की है और उसे आगे बढ़ाने के लिए उनका बने रहना जरूरी समझा जा रहा है.

सहयोगियों को क्या मिलेगा

अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कांग्रेस की सहयोगी डीएमके पार्टी के किसी नेता को इस फेरबदल में सरकार में शामिल किया जाएगा या नहीं. यूपीए सरकार इन दिनों भारी मुश्किल से गुजर रही है. भ्रष्टाचार और महंगाई के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने उसे घेरा हुआ है और उसे भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. संसद के बजट सत्र के हंगामेदार होने की संभावना है क्योंकि विपक्ष 2जी स्पेक्ट्रम मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति से कराए जाने की मांग पर अड़ा है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: वी कुमार

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