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अपराध

मध्य प्रदेश में पत्रकार को ट्रक से कुचला

२६ मार्च २०१८

मध्य प्रदेश में अवैध खनन की पड़ताल कर रहे पत्रकार को ट्रक से कुचला. पत्रकार को अपनी जान पर खतरे का अंदेशा था, उसने इसकी जानकारी पुलिस को भी दी थी.

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Protest nach Gruppenvergewaltigung und Ermordung zweier Mädchen in Indien Sandskulptur
तस्वीर: UNI

मध्य प्रदेश के भिंड में पत्रकार संजीव शर्मा को पहले ट्रक ने पीछे से टक्कर मारी और फिर उन्हें कुचलता हुआ आगे बढ़ गया. संदीप को कुचलने के दौरान ट्रक सड़क से थोड़ा बाहर भी गया और फिर तेजी से टर्न लेता हुआ सड़क पर लौट आया. इस घटना का वीडियो भी रिकॉर्ड हुआ है.

मध्य प्रदेश का भिंड मुरैना इलाका रेत माफिया, खनन और डकैती के लिए बदनाम है. 35 साल के संजीव इलाके में रेत के अवैध खनन की रिपोर्टिंग कर रहे थे. बीते कुछ हफ्तों से वह रेत माफिया और पुलिस की साठगांठ की पड़ताल कर रहे थे. उनकी रिपोर्टिंग के बाद आरोपों से घिरे एक पुलिस अधिकारी का तबादला भी कर दिया गया था.

एक नेशनल न्यूज चैनल के लिए काम करने वाले संजीव को पुलिस स्टेशन से कुछ ही मीटर की दूरी पर कुचला गया. हादसे के वक्त संजीव मोटरसाइकिल पर सवार थे. पुलिस अब ट्रक ड्राइवर की तलाश कर रही है. भिंड मुरैना के इलाके में पहले भी रेत और खनन माफिया कई अपराध कर चुके हैं. कुछ घटनाओं में माफिया ने अधिकारियों पर भी हमले किए. मध्य प्रदेश में खनन माफिया के चलते एक नदी तक सूख चुकी है. सुशासन का दावा करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 2005 से राज्य के मुख्यमंत्री हैं. उनके ही कार्यकाल में खनन माफिया बेलगाम हुआ है.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्रकारों की सुरक्षा को प्राथमिकता बताते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का एलान किया है. लेकिन मध्य प्रदेश के पत्रकार मुख्यमंत्री के इस दावे पर यकीन नहीं कर रहे हैं. भिंड प्रेस क्लब के अध्यक्ष सत्य नारायण शर्मा के मुताबिक, संजीव "एक निर्भीक पत्रकार थे जो खनन माफिया के खिलाफ रिपोर्टें फाइल कर रहे थे. कुछ महीने पहले उन्होंने जिस पुलिस अधिकारी का पर्दाफाश किया, उससे उन्हें धमकियां मिल रही थीं और जान पर खतरे की जानकारी उन्होंने एसपी को भी दी. शक इस बात से भी हो रहा है कि डंपर खाली था."

इससे पहले शनिवार को बिहार में भी दो पत्रकारों की हत्या हुई. भोजपुर जिले में पूर्व ग्राम प्रधान ने दैनिक भास्कर अखबार के पत्रकार नवीन निश्चल और उनके साथ को कार से टक्कर मारी.

भारत पत्रकारों के लिए खतरनाक देश बना हुआ है. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में पत्रकार अक्सर पुलिस, राजनेताओं, दबंगों और आपराधिक गुटों का निशाना बनते हैं. 2017 में भारत में रिपोर्टिंग के दौरान तीन पत्रकार मारे गए.

ओएसजे/एके (एएफपी)