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मंहगाई का ठीकरा भारत के सिर

५ मई २००८

इस समय सारी दुनिया में खाद्यपदार्थों की बढ़ती क़ीमतों को लेकर कुहराम मचा हुआ है. अमरीकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने इस मूल्यवृद्धि के लिए भारत जैसे अब तक के ग़रीब देशों में बढ़ती हुई समृद्धि को दोषी ठहराया है.

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तस्वीर: AP

अमेरिका के राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने कहा है कि भारत जैसे विकासशील देश विश्व में बढ़ती खाद्य क़ीमतों के लिये ज़िम्मेदार हैं। बुश का कहना था कि विकासशील देशों जैसे कि भारत में मध्यमवर्ग की आर्थिक स्थिती लगातार सुधर रही है जिस कारण उनका आहार भी सुधर रहा है जिस कारण दुनिया में खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ रही है।

भारत ने आलोचना की

भारत के सभी दलों ने बुश के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। सभी राजनीतिक दलों का कहना है कि दुनियाभर में खाने की चीज़ों की बढ़ती क़ीमत की मुख्य वजह अमेरीका में बायो ईंधन का बढ़ता उत्पादन है। दूसरी ओर वाणिज्य राज्य मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि जॉर्ज बुश को कभी भी अर्थशास्त्र की जानकारी के लिए नहीं जाना जाता है, ये उन्होंने एक बार फिर साबित कर दी है कि वे इस मामले में कितने ग़लत हैं।

कॉग्रेस बीजेपी वामपंथी दलों सहित सभी ने बुश के बयान की निंदा की है। कांग्रेस ने मंहगाई का कारण बायो इंधन को बताया है जबकि वामपंथी दलों का कहना है कि इसकी वजह बुश की उदार आर्थिक नीति है। जबकि बीजेपी ने केंद्र सरकार को ही आडे होथओं लिया है। पार्टी का कहना है कि सरकार बढ़ती क़ीमतों को क़ाबू करने में असफल रही है।

पिछले दिनों अमरीकी विदेश मंत्री कोंडोलीज़ा राइस ने भी ऐसा ही तर्क दिया था. इस बारे में वॉशिंगटन से गुलशन मधुर की रिपोर्टः