भारतीय खेमे में तनाव, ऑस्ट्रेलिया का जीत पर दांव
५ अक्टूबर २०१०मोहाली टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को आसान सा दिख रहा 216 रन का लक्ष्य दिया लेकिन भारत के चार बल्लेबाज पैवेलियन लौट चुके हैं. क्रीज पर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (10 रन) और जहीर खान (5 रन) बना कर खेल रहे हैं. ईशांत शर्मा के मुताबिक भारतीय खेमे में माहौल अच्छा नहीं है. "यह तो साफ है कि जब आपके चार बढ़िया बल्लेबाज आउट हो जाएं तो आप तनाव महसूस करने ही लगते हैं."
भारतीय टीम के लिए मुश्किल इसलिए भी बढ़ गई है क्योंकि लक्ष्मण कमर में दर्द से परेशान हैं जिसके चलते पहली पारी में उन्हें 10वें नंबर बल्लेबाजी करनी पड़ी. लेकिन ईशांत ने स्पष्ट किया है कि लक्ष्मण बल्लेबाजी तो करेंगे. भारतीय टीम के ओपनर गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग के अलावा राहुल द्रविड़ और सुरेश रैना आउट हो चुके हैं और अब जिम्मेदारी सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी और वीवीएस लक्ष्मण पर आ गई है.
ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 428 रन बनाए जिसके जवाब में भारत ने 405 रन का स्कोर खड़ा किया. दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया 192 रन पर ही ढह गया जिससे भारत को 216 रन का लक्ष्य मिला है. मैच के चौथे दिन ईशांत ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को काफी परेशान किया और तीन विकेट झटके. इनमें कप्तान रिकी पोंटिंग का विकेट भी शामिल है.
वैसे ईशांत यह कहना नहीं भूले कि भारतीय बल्लेबाज सही मनोस्थिति में खेलेंगे और टीम ने उम्मीदों का दामन नहीं छोड़ा है. "सचिन और जहीर बल्लेबाजी कर रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि टीम के लिए वह अच्छा करेंगे और बड़ी साझेदारी करेंगे. हमारी कोशिश अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर मैच जीतने की होगी."
लेकिन ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज बेन हिल्फेनहाउस के कुछ और ही इरादे हैं और उनका दावा है कि ऑस्ट्रेलिया ने जीत के एहसास को पाना शुरू कर दिया है. हिल्फेनहाउस ने दूसरी पारी में आउट हुए भारत के चार में से तीन बल्लेबाजों को वापस पैवेलियन भेजा है. "हम जीत को सूंघ रहे हैं. तेंदुलकर का विकेट हमारे लिए बेहद अहम होगा. सुबह दबाव बनाकर हम तेंदुलकर को जल्दी आउट करना चाहेंगे और उसके बाद टीम को ढहते देखने की इच्छा है."
दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलियाई टीम को 192 रन तक ही सीमित कर देने के लिए हिल्फेनहाउस ने भारतीय गेंदबाजों की तारीफ की है. हिल्फेनहाउस के मुताबिक भारत ने शानदार गेंदबाजी की. उन्होंने सधी हुई लाइन पर बॉल डाली जिससे बल्लेबाजों पर दबाव बढ़ता गया.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: उ भट्टाचार्य