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भारत से मदद मांग रहा है हॉकी का हीरो

२३ अप्रैल २०१८

भाषा, खान पान और संस्कृति, भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ियों को करीब लाती हैं. मैदान के कट्टर प्रतिद्वंद्वी आपस में अच्छे दोस्त भी होते हैं. इसी का जिक्र करते हुए पाकिस्तान के पूर्व गोलकीपर ने भारत से मदद मांगी है.

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Pakistan Hockey Torwart Mansoor Ahmed im Krankenhaus
तस्वीर: Getty Images/AFP/R. Tabassum

पाकिस्तान के वर्ल्ड कप विजेता हॉकी गोलकीपर मंसूर अहमद ने भारत से मदद मांगी है. मंसूर अहमद को हार्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत है. 49 साल के अहमद ने भारत सरकार से मदद की दरख्वास्त की है. मंसूर अहमद के दिल में पेसमेकर और स्टंट लगे हुए हैं, लेकिन बीते दो हफ्ते से उन्हें काफी परेशानी हो रही है. डॉक्टरों ने उन्हें हृदय प्रत्यारोपण की सलाह दी है. इलाज के लिए मंसूर भारत आना चाहते हैं.

समाचार एजेंसी एएफपी से बात करते हुए मंसूर ने कहा, "1994 के इंदिरा गांधी कप और कुछ अन्य आयोजनों के दौरान खेलते हुए मैदान पर मैंने कई भारतीयों के दिल तोड़े हो सकते हैं, लेकिन वह खेल की बात थी. अब मैं भारत में हार्ट ट्रांसप्लांट कराना चाहता हूं और उसके लिए मुझे भारत सरकार की मदद की जरूरत है."

(1994 में पाकिस्तान को वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले मंसूर अहमद)

मंसूर अहमद ने 338 मैचों में पाकिस्तान के लिए गोलकीपिंग की. इस दौरान उनकी टीम ने एक वर्ल्ड कप भी जीता. गोलपोस्ट पर खड़े मंसूर से पार पाना विपक्षी टीमों के लिए आसान बिल्कुल नहीं था. लेकिन अब मंसूर जिंदगी की लड़ाई लड़ रहे हैं.

2008 में मुंबई पर हुए आतंकवादी हमलों के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के रिश्ते खट्टे हैं. दोनों देशों के बीच बातचीत और द्विपक्षीय खेल और कला संबंध बंद से पड़े हुए हैं. लेकिन इस तनाव के बावजूद भारत इलाज के लिए पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा देता रहा है. मंसूर कहते हैं, "मानवता ही सर्वोच्च है और मैं बड़ा आभारी रहूंगा अगर मुझे वीजा और भारत में मदद मिल जाए."

पूर्व गोलकीपर के मुताबिक तमाम मतभेदों के बावजूद हॉकी और क्रिकेट जैसे खेलों ने भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बेहतर किए हैं.

ओएसजे/एमजे (एएफपी)