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"भारत से तनाव ने पाकिस्तान को भटकाया"

१८ मार्च २०१०

पाकिस्तान समझता है कि भारत के साथ तनाव ने उसका बुरा हाल कर दिया है और इसकी वजह से वह आतंकवाद से नहीं निपट पा रहा है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ़ रज़ा गिलानी ने अब इस मुद्दे पर दुनिया भर से मदद मांगी है.

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पाक प्रधानमंत्री यूसुफ़ रज़ा गिलानीतस्वीर: Abdul Sabooh

गिलानी जब फ़िनांशियल टाइम्स को इंटरव्यू देने बैठे, तो अपना दर्द उंडेल दिया. कहा कि भारत के साथ मौजूदा तनाव ने पाकिस्तान को भटका कर रख दिया है. उन्होंने कहा कि इसका ख़ामियाज़ा दोनों देशों की ग़रीब जनता को उठाना पड़ रहा है.

Manmohan Singh und Syed Yousuf Raza Gilani in Ägypten
2009 में मिले सिंह और गिलानीतस्वीर: AP

उनका कहन है कि विश्व समुदाय को चाहिए कि वह भारत को इस बात के लिए राज़ी करे कि कश्मीर और पानी सहित सभी द्विपक्षीय समस्याओं का हल हो सके. गिलानी का कहना है वह भारत और दूसरे पड़ोसियों के साथ बेहद अच्छे रिश्ते चाहते हैं क्योंकि सबका असली दुश्मन तो आतंकवाद है.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का कहना है कि देश के पश्चिमी सरहद पर तालिबान और अल क़ायदा से लड़ाई करनी है, जबकि पूर्वी सरहद पर जारी तनाव हमें इस काम से भटका रहा है. गिलानी का कहना है कि दुनिया इस बात को समझे कि भारत और पाकिस्तान के अच्छे रिश्ते होंगे तभी हम चरमपंथ और आतंकवाद से संघर्ष कर पाएंगे.

हाल की सचिव स्तर की वार्ता को अच्छा बताते हुए गिलानी ने कहा कि सिर्फ़ अर्थपूर्ण वार्ता से ही कोई हल निकल सकता है. यह पूछे जाने पर कि क्या वे पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ के फ़ॉर्मूले पर आगे बढ़ते हुए कश्मीर के मुद्दे पर बातचीत करेंगे, गिलानी ने कहा कि सिर्फ़ समग्र वार्ता से ही भारत पाकिस्तान के संबंधों में सुधार आ सकता है.

Indien Menschen fotografieren nach Beendigung der Kämpfe am Hotel Taj Mahal die zerstörte Fassade mit ihren Mobiltelefonen Mumbai, Bombay, Terrorserie
मुंबई हमलों से तनावतस्वीर: AP

उधर, भारत ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान में अभी भी 42 आतंकवादी शिविर चल रहे हैं और उन्हें बंद करने के लिए कोई क़दम नहीं उठाया जा रहा है. भारत का कहना है कि मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमले में पाकिस्तान का हाथ था और इसके एकमात्र पकड़े गए आरोपी के पाकिस्तानी नागरिक होने की पुष्टि हो चुकी है.

तमाम विवादों और तनावों के बीच दोनों देशों में बातचीत फिर शुरू हुई है और संभावना है कि दोनों देशों के प्रधानमंत्री जल्द ही भूटान में होने वाली सार्क बैठक में मुलाक़ात कर सकते हैं.

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः उ भट्टाचार्य