1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

भारत विरोधी अभियान के लिए लामबंद

६ फ़रवरी २०१०

नेपाल की तीन प्रमुख वामपंथी पार्टियां भारत विरोधी अभियान चलाने के लिए लामबंद हुई. तीनों वामपंथी पार्टियों ने आठ फ़रवरी से दो महीने का भारत विरोधी अभियान छेड़ने का एलान किया है.

https://p.dw.com/p/LuH0
तस्वीर: AP

काठमांडू में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल, रिवोल्यूशनरी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (यू) की बैठक के बाद भारत विरोधी अभियान छेड़ने का एलान किया गया.

Nepal Wahlen
तस्वीर: ap

तीनों वामपंथी पार्टियों का कहना है कि सोमवार से शुरू होने वाले भारत विरोधी प्रदर्शन दो महीने तक चलेंगे और आठ मार्च को भारतीय दूतावास के सामने धरना दिया जाएगा.

सीपीएन (माओ) के प्रमुख मात्रिका यादव, आरसीपीएन के मणि थापा और सीपीएन (यू) के प्रमुख प्रचंड ने एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई मांगे सामने रखी. वामपंथी पार्टियों ने कहा कि 1950 के भारत नेपाल मैत्री संधि को ख़ारिज़ किया जाए और भारत नेपाल की ज़मीन वापस करे.नेपाल की वामपंथी पार्टियों की मांग है कि भारत विवादास्पद क्षेत्र से अपने सुरक्षाकर्मियों को हटाए.

माओवादियों का कहना है कि भारत नेपाल के आंतरिक मामलों में दख़ल दे रहा है लेकिन नेपाल सरकार ने इससे इनकार किया है. कुछ दिनों पहले भारत के सेना प्रमुख दीपक कपूर ने नेपाल की यात्रा की थी जिसका माओवादियों ने विरोध किया था.

भारत और नेपाल के बीच क़रीब 1,850 किलोमीटर लंबी सीमा है. यह सीमा उत्तराखंड, यूपी और बिहार, सिक्किम जैसे राज्यों को नेपाल से अलग करती है. उत्तराखंड में भारत और नेपाल के बीच महाकाली नदी बॉर्डर तय करती है.

नेपाल का आरोप है कि महाकाली नदी का पश्चिमी हिस्सा और सिक्किम का कुछ इलाका उसका है. सीमा से जुड़े यह इलाके 1816 से भारत के नक्शे में हैं.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: एस गौड़