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भारत में रोजाना 29 बच्चों का अपहरण

३१ अक्टूबर २०११

भारत में बीते साल 5,484 बच्चों के साथ यौन दुर्व्यवहार हुआ. देश भर में 1,408 बच्चों की हत्या हुई. बच्चों के साथ होने वाले अमानवीय व्यवहार में मध्य प्रदेश पहले, राजधानी दिल्ली दूसरे और महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर है.

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तस्वीर: AP

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े देश में बच्चों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार के चौंकाने वाले तथ्य पेश कर रहे हैं. 2010 में मध्यप्रदेश में बच्चों के खिलाफ हुए अपराध के 4,912 मामले दर्ज किए गए. दिल्ली में 3,640, महाराष्ट्र में 3,264 और उत्तर प्रदेश में 2332 मामले दर्ज किए गए. यूपी में 315 बच्चों को जान से मार दिया गया और 451 बच्चों से बलात्कार हुआ. महाराष्ट्र में 1,182 यौन दुर्व्यवहार के मामले सामने आए. देश की राजधानी दिल्ली में 304 बच्चों से बलात्कार हुआ और 29 हत्याएं हुईं. आंकड़ों के मुताबिक हत्या के मामलों में सिर्फ 2.3 फीसदी की कमी देखी गई.

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तस्वीर: AP

सरकारी रिपोर्ट के कहती है कि बीते साल भारत भर में 10,670 बच्चों का अपहरण हुआ. यानी औसतन हर दिन 29 बच्चे अगवा किए गए. अपहरण के मामले में दिल्ली सबसे ऊपर है. दिल्ली से बीते साल 2,982 बच्चे अगवा किए गए. बिहार में बच्चों के अपहरण के 1,359, यूपी में 1,225, महाराष्ट्र में 749 और राजस्थान में 706 मामले दर्ज किए गए.

आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और गुजरात की हालत में भी हालत संतोषजनक नहीं कही जा सकती. जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और झारखंड में बच्चों के साथ अपराध के कम मामले सामने आए हैं.

2009 में बच्चों के खिलाफ अपराध के 24,201 मामले दर्ज हुए थे. 2010 में इनकी संख्या 10.3 फीसदी बढ़कर 26,694 हो गई. नाबालिग बच्चियों के साथ होने वाले अपराधों में 186.5 फीसदी वृद्धि हुई. वेश्यावृत्ति के लिए बच्चियों की खरीद फरोख्त और बलात्कार के मामले बढ़े.

2010 में पुलिस ने बच्चों के साथ हुए अपराध के मुकदमों में 34,461 लोगों गिरफ्तार किया. लेकिन लचर जांच के चलते पुलिस सिर्फ 6,256 लोगों को ही दोषी साबित करा सकी. यानी बच्चों के साथ अपराध करने वाले 34.3 फीसदी मुजरिमों को सजा दिलाई जा सकी, बाकी 65.7 फीसदी कानून को ठेंगा दिखाकर बच निकले.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: वी कुमार

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