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भारत में 14 और पायलटों के लाइसेंस रद्द

Priya Esselborn२५ मार्च २०११

भारत में 14 और पायलटों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं. इन्हें हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया गया. कई लोगों ने 50 से 60 घंटों विमान उड़ा कर 200 घंटे का प्रमाण पत्र लिया.

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तस्वीर: picture alliance/dpa

नागरिक उड्डयन विभाग के महानिदेशक ईके भारत भूषण ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "14 पायलटों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं, ये पायलट यात्री विमानों को उड़ा रहे थे. इन सबने लाइसेंस हासिल करने के लिए ट्रेनिंग के फर्जी दस्तावेज जमा किए थे." इन सारे पायलटों ने राजस्थान स्टेट फ्लाइंग स्कूल से प्रशिक्षण लेने के दस्तावेज जमा किए थे. पुलिस संस्थान के ट्रेनिंग रिकॉर्ड्स की जांच कर रही है.

एक पायलट को लाइसेंस हासिल करने के लिए कम से कम 200 घंटे विमान उड़ाना पड़ता है. पता चला है कि राजस्थान स्टेट फ्लाइंग स्कूल में 50-60 घंटे विमान उड़ाने वालों को भी 200 घंटे की उड़ान के प्रमाण पत्र दे दिए गए.

भारत के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने ऐसे पायलटों के खिलाफ अभियान चला रखा है और हजारों की तादाद में लाइसेंसों की जांच की जा रही है. फर्जी लाइसेंस का घोटाला सामने आने के बाद से हवाई जहाज में यात्रा करने वाले लोग सहमे हुए हैं. फर्जी लाइसेंस के मामले में अब तक पुलिस ने छह पायलटों को हिरासत में लिया है. इनमें एयर इंडिया, इंडिगो और स्पाइसजेट एयरलाइंस के पायलट शामिल हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ए कुमार

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