भारत बांग्लादेश के बीच व्यापार समझौते
९ फ़रवरी २००९बांग्लादेश में नई सरकार के पद संभालने के बाद प्रणव मुखर्जी की यह पहली बांग्लादेश यात्रा है. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना और विदेश मंत्री दीपू मोनी से बातचीत के मुख्य विषय थे व्यापार और आतंकवाद का सामना.
दो नए समझौते
नए व्यापार समझौते के तहत, भारत और बांग्लादेश दोनो एक दूसरे के जल, रेल और सड़क यातायात का फ़ायदा उठा सकेंगे और भारत को अपने उत्तर पूर्वी राज्यों तक सामान पहुंचाने में और यातायात में आसानी होगी. द्विपक्षीय निवेश समझौते के तहत दोनों देशों को व्यापार के लिए प्राथमिकता का दर्जा दिया जाएगा. इन समझौतों का नवीकरण तीन साल बाद किया जाएगा. बांग्लादेश की कैबिनेट ने पिछले सप्ताह इस समझौते को अपना समर्थन दिया था.
प्रणव मुखर्जी ने कहा, कि लेकिन भारत हमेशा बांग्लादेश की तरफ दोस्ती बढ़ाने के हक़ में रहा है. भारत और बांग्लादेश ने व्यापार और निवेश के सिलसिले में दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. इससे आर्थिक ढांचे को मज़बूत किया जा सकेगा और दोनो देशों में निवेश भी बढ़ेगा.
भारत दोनों आयात और निर्यात में बांग्लादेश का सबसे बड़ा साझेदार है. बांग्लादेश को निर्यात से भारत सालाना 100 अरब रुपय कमाता है. बांग्लादेश भारत को साल में लगभग 20 अरब रुपयों के सामान का निर्यात करता है.
आतंकवाद के ख़िलाफ़ एकजुट
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने दक्षिण एशिया के लिए आतंकवाद विरोधी कार्यबल का सुझाव आगे बढ़ाया. बिना किसी देश का नाम लेते हुए प्रणव मुखर्जी ने कहा कि आतंकवाद के ख़िलाफ लड़ाई लड़ने के लिए सबसे ज़रूरी है सहयोगी देशों की आपस में ईमानदारी और आतंकवाद को ख़त्म करने का दृढ़ संकल्प, जो इस वक़्त मौजूद नहीं है.
बांग्लादेश ने बंगाल की खाड़ी में समुद्री सीमा निर्धारित करने की मांग भी की. दोनों देशों के बीच जंगलों और नदियों से गुज़रने वाली 4000 कि. मि. की सीमा का खुला क्षेत्र है.