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भारत गंवा रहा ज़मीन: रिपोर्ट

१० जनवरी २०१०

एक अधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत पिछले दो दशकों में ज़मीन गंवा चुका है. विभिन्न एजेंसियों के बीच तालमेल की कमी के चलते भारत के हाथ से ज़मीन गई. चीन को फ़ायदा.

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तस्वीर: picture-alliance/ dpa

लेह में भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच हुई बैठक में सामने आया कि अलग अलग एजेंसियों के नक्शे में समानता नहीं है. इस बात पर भी सहमति जताई गई कि चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा को सही तरीक़े से नक्शे में दर्ज नहीं किया गया है. इसी भ्रम के चलते भारत पिछले 20 सालों में अच्छा ख़ासा इलाक़ा अपने हाथ से गंवा चुका है.

बैठक में कहा गया, "सही नक्शे के न होने से यह बात स्वीकार ली जानी चाहिए कि भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा से पीछे हटता जा रहा है और पिछले सालों में काफ़ी ज़मीन गंवा चुका है. हालांकि यह यह प्रक्रिया बहुत धीमी है लेकिन 20-25 सालों भारत के अधिकार क्षेत्र से जाने वाला इलाक़ा बढ़ कर काफ़ी बड़ा हो चुका है."

मीटिंग में चिंता जताई गई कि बहुत सी भारतीय एजेंसियों के पास सही रिकॉर्ड नहीं है और न ही इस मुद्दे पर स्पष्ट नीति है. इसके चलते भारत के ज़मीन गंवाने का सीधा फ़ायदा चीन को हुआ है.

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद कई दशकों से क़ायम है और हाल के दिनों में चीन की ओर से कथित घुसपैठ की रिपोर्टों के बाद तनाव बढ़ गया था. भारतीय सीमा में कुछ चट्टानों पर चीन के सैनिकों के चीनी भाषा में नारे लिखने की ख़बरें भी सामने आई थी.

हालांकि भारत सरकार ने मीडिया से कथित घुसपैठ के मुद्दे पर संयम बरतने के लिए कहा था. चीनी प्रधानमंत्री वेन चियापाओ और भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच बैठक में द्विपक्षीय मुद्दों को शांति से सुलझाने की बात कही गई थी.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़