भारत के महंगे शहर
लोग ऐसे शहर में रहना चाहते हैं, जहां नौकरी हो, अच्छे डॉक्टर और अस्पताल हों और सुरक्षा हो. नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयासों के अभाव में भारत के महानगरों की आबादी लगातार बढ़ती जा रही है. और वे काफी महंगे भी हैं.
मुंबई
देश की कारोबारी राजधानी मुंबई भारत का सबसे महंगा शहर है. बैंक, व्यापार और फिल्मों का केंद्र होने के कारण यह शहर नौकरी की बहुत सारी संभावनाएं देता है. इसलिए यहां देश के हर कोने से लोग आते हैं और सरकारी नौकरी के अलावा विभिन्न प्राइवेट उद्यमों में काम पाने का प्रयास करते हैं. यह दुनिया का 10वां सबसे महंगा शहर है.
नई दिल्ली
भारत की राजधानी नई दिल्ली देश का दूसरा सबसे महंगा शहर है. शहर के अंदर उद्योग तो नहीं है लेकिन सरकार का मुख्यालय होने के कारण यह राजनीतिक और प्रशासनिक गतिविधियों का केंद्र है. इसके अलावा यहां ढेर सारे कॉलेज, यूनिवर्सिटी और मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज हैं. शहर के बाहर गुरुग्राम और नोएडा महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र हैं.
चेन्नई
पुराने समय में मद्रास के नाम से जाना जाने वाला चेन्नई भारत के पुराने महानगरों में शामिल है और दक्षिण भारत में राजनीतिक, शैक्षिक और आर्थिक गतिविधियों का केंद्र रहा है. यहां आईटी के अलावा मशीन टूल्स से संबंधित कंपनियां हैं. यहां के अस्पताल बेहतरीन चिकित्सीय सुविधाओं के लिए जाने जाते हैं और दूर दूर से मरीजों को आकर्षित करते हैं.
हैदराबाद
पुराने आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद हाल के सालों में समृद्धि की राह पर चले भारतीय महानगरों में शामिल है. औद्योगिक उदारीकरण के बाद हाल के सालों में निजाम और मोतियों का शहर हैदराबाद आईटी हब के रूप में उभरा है. यहां बहुत सी बड़ी फार्मेसी और बायो टेक्नोलॉजी कंपनियां भी हैं, जो नई अर्थव्यवस्था में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं.
बेंगलूरू
देश का दक्षिणी शहर बेंगलूरू हाइटेक उद्यमों का गढ़ होने के कारण भारत की सिलिकन वैली कहलाता है. इसे बीटा वर्ल्ड सिटी भी कहा जाता है. विश्व प्रसिद्ध आईटी कंपनियों के अलावा बेंगलूरू में बहुत से उच्चस्तरीय यूनिवर्सिटी और कॉलेज भी हैं. रोजगार की संभावनाओं के कारण बेंगलूरू पूरे भारत से विज्ञान संबंधी प्रतिभाओं को आकर्षित करता है.
पुणे
महाराष्ट्र में स्थित पुणे सैनिक कॉलेज एनडीए, आचार्य रजनीश और फिल्म इंस्टीट्यूट के लिए जाना जाता था. लेकिन महाराष्ट्र के औद्योगिक और आर्थिक विकास में पुणे ने ना केवल योगदान दिया है बल्कि अपना हिस्सा भी लिया है. ऑटोमोबाइल, फार्मेसी और शुगर उद्योग ने शहर को महाराष्ट्र का दूसरा सबसे बड़ा और भारत के महंगे शहरों में एक बना दिया है.
कोलकाता
कोलकाता देश के सस्ते शहरों में शामिल रहा है लेकिन हाल के सालों में हुई आर्थिक प्रगति के कारण मर्सर कंपनी की रैंकिंग में ऊपर चढ़ गया है. वित्तीय निवेश के अलावा कोलकाता सैलानियों के बीच भी अत्यंत लोकप्रिय है.