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भारत की ओर उम्मीद से देखता फीफा

२३ नवम्बर २०११

अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल संघ के अध्यक्ष जेप ब्लाटर दुखी हैं. नस्लवाद को लेकर उनके बयान पर काफी विवाद हुआ. ब्लाटर के मुताबिक आरोपों ने उनकी आत्मा को आहत किया है. लेकिन विवाद को पीछे छोड़ वह भारत की तरफ उम्मीद से देख रहे हैं.

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तस्वीर: AP

फीफा अध्यक्ष जेप ब्लाटर इस वक्त एशिया के दौरे पर हैं. फीफा एशिया में फुटबॉल को बढ़ावा देने की काफी कोशिशें कर रहा है. फीफा अध्यक्ष कहते हैं, "फुटबॉल का भविष्य एशिया ही है. एशिया में दुनिया की दो-तिहाई से ज्यादा जनता रहती हैं. खासतौर पर अगर आप भारत नाम के एक उपमहाद्वीप की बात करें तो, जहां 1.3 अरब लोग फुटबॉल खेलने के लिए आतुर हैं."

फीफा के मुताबिक आर्थिक रूप से तरक्की कर रहा एशिया फुटबॉल के लिए भी बड़ा बाजार है. ब्लाटर एशियन फुटबॉल कंफेडरेशन के मुख्यालय कुआलालंपुर में एग्जिक्यूटिव बोर्ड की बैठक और पुरस्कार समारोह में हिस्सा लेने गए हैं.

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तस्वीर: AP

दामन नहीं छोड़ रहा है विवाद

लेकिन एशिया में फुटबॉल को बढ़ावा देने से ज्यादा चर्चा ब्लाटर के नस्लवाद के संबंध में दिए गए बयान को लेकर हुई. नस्लवाद को हल्के में लेने का आरोप झेल रहे जेप ब्लाटर ने पूर्व बयान पर मलेशिया में भी सफाई देते हुए कहा, "फीफा अध्यक्ष के तौर पर मेरी किसी गतिविधि ने मुझे नहीं चौंकाया. लेकिन मैं इन टिप्पणियों से बेहद आहत हुआ हूं क्योंकि इन्होंने मेरी आत्मा को छुआ है."

सफाई देने के साथ ब्लाटर अपनी छवि को पहुंचे नुकसान की भरपाई करते भी दिखे. पत्रकारों से तीखे सवालों के बीच उन्होंने कहा, "नस्लवाद को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मेरी बातों का ऐसा अर्थ निकाला गया कि अब मुझे माफी मांगनी पड़ी है. मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता. अगर अब भी किसी को लगता है कि मैं नस्लवादी हूं तो मैं कहूंगा कि मैं ऐसा नहीं हूं."

"मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता हूं कि हम नस्लवाद के जरा सा भी सहन नहीं करेंगे. भेदभाव चाहे मैदान के अंदर हो या बाहर उसे बिल्कुल भी सहन नहीं किया जाएगा."

कैसे उपजा विवाद

दरअसल फीफा अध्यक्ष ने यह कह दिया कि फुटबॉल में नस्लवाद बिल्कुल नहीं है. अगर खेल के दौरान खिलाड़ी एक दूसरे पर आहत करने वाली फब्तियां कसते हैं तो मैच के बाद हाथ मिलाकर गर्मी शांत की जा सकती है. ब्लाटर को बिल्कुल भी एहसास नहीं था कि उनके इस बयान से कितनी आग पैदा होगी.

इंग्लैंड फुटबॉल संघ से लेकर इंग्लैंड के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन तक ने ब्लाटर के इस्तीफे की मांग कर दी. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान डेविड बेकहम और प्रधानमंत्री कैमरन ने ब्लाटर के बयान को भयभीत करने वाला बताया. खेल से जुड़े कुछ अन्य बड़े नामों ने भी ब्लाटर का इस्तीफा चाहा.

क्वीन्स पार्क रेजर्स के मैनेजर नील वारनॉक ने सभी अश्वेत खिलाड़ियों से अगले दौर के अंतरराष्ट्रीय मुकाबले का बहिष्कार करने की अपील की है. वारनॉक चाहते हैं कि ब्लाटर के खिलाफ नाराजगी इसी ढंग से जताई जाए. वहीं ब्लाटर कह रहे हैं कि माफी के बाद इस अध्याय को बंद कर देना चाहिए. ब्लाटर ने कहा, "मेरी भावना में कोई भेदभाव नहीं है, कोई नस्लवाद नहीं है, बिल्कुल भी नहीं. मेरे लिए यह मामला खत्म हो चुका है, खत्म."

रिपोर्ट: एएफपी, रॉयटर्स/ओ सिंह

संपादन: एन रंजन

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