भांग उगाती इटली की सेना
मेडिकल साइंस में भांग पर शोध बढ़ता जा रहा है. इटली ने अपने देश में भांग उगाने का प्रोजेक्ट शुरू किया है. इसका जिम्मा इटली की सेना को सौंपा गया है.
भांग से दवाएं
फ्लोरेंस में इटली की सेना के दवाखाने में भांग से दवाइयां बनाने का काम शुरू हो चुका है. इटली ने सितंबर 2015 में भांग को फॉर्मास्यूटिकल प्रोडक्ट के रूप में मान्यता दी.
सैन्य प्रोजेक्ट क्यों
इटली की सेना भांग से जो दवाएं बना रही है, वे आम भांग, चरस या गांजे से दूर दूर तक मेल नहीं खाती. सेना के 164 साल पुराने दवाखाने में भांग के खास रसायन निकाले जाते हैं और उनसे दवाएं बनाई जाती है.
कैसी दवाएं
एमएस जैसी लाइलाइज जानलेवा बीमारी के मरीजों को कई बार तेज दर्द का सामना करना पड़ता है. दवा के रूप में भांग इस दर्द को कम करने में मदद करती है. भांग से निकाले गए रसायन में विषाणुओं को मारने की ताकत होती है. कीमोथैरेपी के बाद भांग नाक बहने को रोकती भी है.
स्वस्थ लोगों को चेतावनी
सेना की भांग लैब के इंचार्ज कर्नल एंटोनियो मेडिका कहते हैं, "मैंने यह कभी ट्राय नहीं की, ना ही इसे ट्राय करने का मेरा कोई इरादा है." मजाक करते हुए वह कहते हैं कि हमने 40 साल तक सैनिकों को भांग के सेवन से रोका और अब हम ही इसे पैदा कर रहे हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक स्वस्थ लोगों को भांग का नशा नहीं करना चाहिए.
खास प्रोडक्शन एरिया
भांग खास कमरों में उगाई जा रही है. कर्नल मेडिका के मुताबिक भांग का पौधा जमीन में मौजूद हर रसायन को सोख लेता है, इसीलिए जरूरी है कि उसे दूषित जमीन पर न उगाया जाए. भांग का पौधा पारा भी तेजी से सोखता है.
कैंसर के मरीजों को राहत
जनवरी 2017 में जर्मन संसद ने भी एकमत से चिकित्सा क्षेत्र में भांग के इस्तेमाल को कानूनी मान्यता दी. भांग कीमोथैरेपी के साइटइफेक्ट्स को कम करती है. दवा के तौर पर इसका इस्तेमाल भूख बढ़ाने, ट्यूमर के रोगियों के घटते वजन को रोकने और एमएस जैसी बीमारियों में होता है.
मेड इन इटली
सेना की लैब में बनी भांग और उसकी दवाओं की पहली खेप इटली के बाजार में आ चुकी है. यह दवाएं डॉक्टर के पर्चे पर ही दी जाती है. रिपोर्ट: नदीन बैर्गहाउजेन/ओएसजे