ब्रुनेई में राजकुमारी की शाही शादी
२० सितम्बर २०१२600 साल से ब्रुनेई पर राज कर रहे शाही परिवार की लाडली बेटी 32 साल की दुल्हन राजकुमारी हाजा हफीजा सुरुरुल बोल्किया और 29 साल के दूल्हा पेंगिरन हाजी मुहम्मद रुजैनी गुरुवार को ही शादी के बंधन में बंध गए. रविवार को शाही जोड़ा एक भव्य समारोह में आधिकारिक रूप से लोगों की दुआएं और शुभकामनाएं कबूल करने शाही दरबार में आएगा. इसके साथ ही शादी के रस्म पूरे हो जाएंगे.
राजकुमारी की शादी में दक्षिण पूर्व एशिया के बड़े नेताओं और राजपरिवारों के पहुंचने की उम्मीद की जा रही है. रविवार को मेहमानों के लिए खास रात्रिभोज का आयोजन किया गया है इसकी मेजबानी दुल्हन के पिता सुल्तान हसानाल बोल्किया कर रहे हैं. राजपरिवार की तरफ से आधिकारिक तौर पर मेहमानों की सूची तो जारी नहीं की गई है लेकिन पड़ोसी देश मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक इसमें शामिल हो रहे हैं. प्रधानमंत्री के दफ्तर ने इस बात की पुष्टि की है. ब्रुनेई सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि मेहमानों की सूची समारोह के दिन ही जारी की जाएगी.
बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई कर चुकीं हफीजा सुल्तान और महारानी सालेहा की पांचवी संतान हैं. हफीजा वित्त मंत्रालय में काम करती हैं. रूजैनी प्रधानमंत्री के दफ्तर में प्रशासनिक अधिकारी हैं. दूल्हा दुल्हन दोनों हफीजा के पिता के साथ ही काम करते हैं. सुल्तान हसानाल देश के मुखिया होने के साथ साथ प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री भी हैं. ब्रुनेई के सुल्तान की तीन बीवियां हैं और उनके 12 बच्चे हैं जिनमें पांच बेटे और सात बेटियां हैं. 2007 के बाद यह सुल्तान के किसी बच्चे की यह पहली शादी है.
ब्रुनेई जैसे देश में इस तरह की शादियों का जलसे के लिए लोगों में कुछ अलग ही उत्साह रहता है और इसकी कुछ खास वजहें हैं. इस्लामी देश में मोटे तौर पर शराब पर पाबंदी है और शाम घिरने के बाद होने वाली मौज मस्ती का यहां बहुत सामान नहीं. ऐसे में शादियों का जलसा लोगों को जश्न मनाने का भरपूर मौका देता है.
2004 में जब ब्रुनेई के युवराज अल मुहतदी बिल्लाह की शादी हुई थी तो राजधानी बांदर सेरी बेगावान में आम लोगों की भारी भीड़ उमड़ी. शादी के लिए यहां आए 2000 मेहमानों में जापान, जॉर्डन, ब्रिटेन और मलेशिया के राजपरिवारों के सदस्य भी थे. शादी के उत्सव में लोगों का रात को महल आ कर वर वधु को आशीर्वाद देने की रवायत तो पूरी की गई लेकिन राजपरिवार पारंपरिक शोभायात्रा की रवायत भूल गया. पहले हुई शादियों में शाही परिवार के शानदार रोल्स रॉयस में सवार नवदंपति के साथ शाही सवारी निकलती और सड़क के दोनों ओर उमड़ी आम लोगों की भीड़ उन्हें देख देख निहाल होती थी. राजपरिवार ने इस बारे में कोई बयान नहीं दिया है.
ब्रुनेई की सल्तनत 15वीं सदी से चली आ रही है और यह मलय मुस्लिमों की पूरी तरह से राजशाही वाली राज व्यवस्था है. 1984 में इसे ब्रिटेन से आजादी मिली. यह तेल और प्राकृतिक गैस के खजाने से भरा हुआ है. इसी खजाने ने यहां के चार लाख की आबादी को एशिया के सबसे ज्यादा प्रति व्यक्ति आय वाले देशो में एक बना रखा है.
एनआर/एमजे (एएफपी)