ब्रांड बचाने की कवायद में जुटे हैं एचएंडएम और जारा
१९ मार्च २०१८अब से कुछ सालों पहले तक बड़ी दुकान और इनमें बिकने वाला महंगा सामान कारोबार की सफलता माना जाता था. लेकिन वक्त के साथ ईजाद हुई नई तकनीकों ने न सिर्फ सफलता की कहानियों को बदल दिया, बल्कि बिना दुकान वाले दुकानदारों को बड़ा कारोबारी बना दिया. इसका सबसे बड़ा उदाहरण है अमेजन. बिना दुकान जमाए बड़ी कारोबारी कंपनी बन चुकी अमेजन ने बाजार के बड़े ब्रांडों मसलन जारा और एचएंडएम सरीखी कंपिनयों की नाक में दम कर रखा है. नतीजतन अब ये कंपनियां अमेजन से मुकाबले के लिए जोर-शोर से लगी हुई हैं.
मुकाबले में कंपनियां
स्पेन के स्टूडियो में खासतौर पर शूट कराए जा रहे हैं जिसका मकसद जारा की बेवसाइट को लगातार अपडेट करते रहना है. कुल मिलाकर 1500 फोटो को हफ्ते में दो बार साइट पर अपडेट किया जाता है. कोशिश की जाती है कि स्टोर में मौजूद कलैक्शन के साथ तालमेल बिठाया जा सके. इंडीटेक्स समूह की प्रमुख कार्यकारी पाबलो इजला कहती हैं कि ऑनलाइन ब्रिकी अब किसी कंपनी की कुल ब्रिकी को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाने लगी है. इंडीटेक्स समूह के अंतर्गत ही जारा ब्रांड आता है. कंपनी के मुताबिक, साल 2017 में हुई कुल बिक्री में ऑनलाइन बिक्री का हिस्सा 10 फीसदी तक का था.
बाजार विश्लेषक मानते हैं कि अगर इंडीटेक्स सूमह बाजार की प्रतिस्पर्धी में बने रहना चाहता है, तो उसके लिए ऑनलाइन प्रेजेंस बढ़ाना बेहद ही जरूरी है, जो कंपनी के लिए एक चुनौती है. विश्लेषक मानते हैं कि अमेजन के चलते रिटेल कंपनियों को साल 2017 में पहली बार माल के स्टॉक को निकालने में मुश्किलें आईं.
कंपनियों पर असर
इंडीटेक्स को टक्कर देने वाली स्वीडन की एचएंडएम को भी इस ऑनलाइन बाजार के चलते साल 2017 के मुनाफे में कमी झेलनी पड़ी. कंपनी के मुख्य कार्यकारी कार्ल योहान पेर्सन कहते हैं कि कपड़ों के बाजार में तेजी से बदलाव आ रहा है और सबके सामने चुनौती भी खड़ी कर रहा है.
साल 2016 के दौरान अमेजन ने अमेरिका में सबसे ज्यादा ऑनलाइन कपड़े बेचे. ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार वैश्विक कपड़ा बाजार में अमेजन की हिस्सेदारी करीब 11 फीसदी की है, जो साल 2020 तक बढ़कर 19 फीसदी तक हो सकती है. ई-कॉमर्स फाउंडेशन के मुताबिक, जर्मनी और ब्रिटेन की ऑनलाइन कंपनियों को अपने यूरोपीय कारोबार में साल 2012-2015 के बीच तेजी नजर आई थी.
ऑनलाइन बाजार को टक्कर
बाजार की हिस्सेदारी को बचाए रखने के लिए इंडीटेक्स और एचएंडएम कंपनियां अब इंटरनेट पर धमक जमाने के लिए बड़े स्तर पर निवेश कर रही हैं. एचएंडएम ने साल 2017 के दौरान अपने कुल निवेश का 45 फीसदी हिस्सा इंटरनेट पर खपा दिया. इसमें 60 लाख यूरो का वह निवेश भी शामिल है जिसे एक नए फोटो स्टूडियो को बनाने और अपने ग्राहकों के लिए खास ऐप तैयार करने के लिए किया गया.
इसी तरह इंडीटेक्स ने भी बड़े स्तर पर निवेश किया है लेकिन असल आंकड़ें घोषित नहीं किए गए हैं. इसके साथ ही दोनों कंपनियों माल के डिलिवर सिस्टम को भी तेज बनाने में जुटी हुई हैं. इनकी कोशिश रहती है कि माल को उसी दिन डिलिवर किया जाए. ये सेवाएं ग्राहकों को अपने साथ जोड़ने में अहम साबित हो सकती है लेकिन इसके लिए कंपनियों को लॉजिस्टिक्स जैसी समस्याओं का समाधान निकालना होगा. खासकर तब जब इनका मुकाबला अमेजन के साथ हो, जिसके पास बड़े-बड़े गोदाम हैं.
हालांकि मुकाबले के लिए इंडीटेक्स ने भी दुनिया के 19 शहरों में वेयरहाउस तैयार किए हैं जिसे फिलहाल स्टोर्स ही देखते हैं. वहीं एचएंडएम भी इस पर काम कर रहा है. बाजार विशेषज्ञ मानते हैं कि दोनों कंपनियों को अपने हजारों स्टोर्स का फायदा मिल सकता है. एचएंडएम के वित्तीय प्रमुख ने निवेशकों को संबोधित करते हुए बताया कि जब कंपनियों ने नए बाजारों में ऑनलाइन बिक्री को लॉन्च किया, तो उसे बहुत जल्द लाभ मिला. वहीं इंडीटेक्स अब अपने स्टोर्स के रेनोवेशन पर बड़ा निवेश कर रही है.
दोनों कंपनियां किसी भी हाल में अपने ग्राहकों को नहीं गंवाना चाहती. इसलिए अगर किसी स्टोर पर कोई सामान नहीं मिलता, तो वह ग्राहकों को तुरंत कहती हैं कि वे उनके ऑनलाइन पोर्टल से सामान खरीद लें. बाजार के एक जानकार कहते हैं कि इन कंपनियों की रणनीति दोनों क्षेत्रों में बिक्री को बढ़ाने की है. ऐसे में वे कारोबारी जो ऑनलाइन सामान भी बेचते हैं और ऑनलाइन स्टोर भी चलाते हैं, बाजार में ज्यादा सफल हो रहे हैं.
एए/आईबी (एएफपी)