ब्रह्मांड में अजूबों की भरमार
जितनी विविध पृथ्वी है, उतना ही विविध ब्रह्मांड भी है. वहां कई खूबियों वाले ग्रह हैं. कोई हीरों से भरा है तो कोई धधकता गोला सा है. एक नजर ऐसे ग्रहों पर.
विशाल छल्ला
पृथ्वी से 434 प्रकाश वर्ष दूर एक बड़ा ग्रह है. वैज्ञानिक इसे J1407B कहते है. यह बृहस्पति और शनि से भी 40 गुना बड़ा है. इस ग्रह के बाहर बना छल्ला 12 करोड़ किलोमीटर तक फैला है. वैज्ञानिकों को लगता है कि J1407B में चंद्रमा बनने जा रहा है.
पानी नहीं, सिर्फ बर्फ या गैस
सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन ग्लिश 436बी ग्रह अपने तारे के बेहत करीब घूमता है. इस वजह से इसकी सतह का तापमान 439 डिग्री तक पहुंच जाता है. अथाह गर्मी से बर्फ सीधे गैसों में टूट जाती है और ग्रह के आस पास हाइड्रोजन के बादल बनने लगते हैं.
तारकोल से लबालब
बाहरी ब्रह्मांड में ट्रेस-2b नाम का ग्रह भी मिला. यह अपने तारे से मिलने वाली सिर्फ एक फीसदी रोशनी को परावर्तित करता है. इसे ब्रह्मांड का अब तक खोजा गया सबसे काला ग्रह माना जाता है. ग्रह की सतह में विषैला तारकोल और उससे निकलने वाली गैसें हैं.
तीन सूरज वाला ग्रह
HD 188 753 Ab पहला ऐसा ग्रह है जिसके पास तीन सूर्य हैं. इस ग्रह की खोज 2005 में पोलैंड के वैज्ञानिक ने की थी. वैज्ञानिकों ने ऐसे और ग्रह खोजने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली.
हीरों की खान
55 कैंक्री में अथाह मात्रा में कार्बन है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 55 कैंक्री की सतह हीरों से भरी है. लेकिन वहां तक पहुंचने के मतलब है 1,700 डिग्री का तापमान झेलना.
सुंदर, लेकिन घातक
धरती की तरह नीले इस ग्रह का नाम है HD189733. लेकिन वहां जीवन के लिए कोई जगह नहीं. HD189733 का तापमान 1,000 डिग्री से ज्यादा है. वहां 7,000 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से खगोलीय बारिश भी होती है.
एक और धरती
ग्लिश 581 C की खोज ने विज्ञान जगत को कौतूहल से भर दिया था. इसे धरती का जोड़ीदार मानते हुए जीवन के लिए मुफीद करार दिया गया. लेकिन जैसे जैसे ज्यादा जानकारी मिली वैसे वैसे कौतूहल खत्म होता गया. यह ग्रह गुरुत्व बल के संघर्ष में फंसा हुआ है. इसकी वजह से ग्रह का एक ही हिस्सा हमेशा प्रकाश की तरफ रहता है.
हॉट टब
GJ1214b गर्म पानी के टब की तरह है. 230 डिग्री सेल्सियस की गर्मी के चलते यह ग्रह ब्रह्मांड में लगातार भाप और बादल छोड़ता रहता है.