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ब्रह्मांड के महाप्रयोग में बड़ी सफलता

२३ अप्रैल २०११

स्विट्जरलैंड के सर्न (CERN) रिसर्च केंद्र के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि ब्रह्मांड के रहस्यों को सुलझाने की दिशा में उन्होंने अहम सफलता हासिल की है. यह सफलता उनके महाप्रयोग का हिस्सा है.

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बड़ी सफलतातस्वीर: AP

शुक्रवार को सुबह सुबह भीमकाय ट्यूब लार्ज हेडर्न कोलाइडर (एलएचसी) में पहले से ज्यादा कण डाले गए. कणों के बीम ने अमेरिका की फर्मीलैब टेवाट्रोन कोलाइडर का पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया. पिछले साल के मुकाबले इन कणों की संख्या छह फीसदी ज्यादा है.

क्या है एलएचसी

एलएचसी ट्यूब असल में एक 27 किलोमीटर लंबी सुरंग है. जमीन के नीचे बनी इस ट्यूब में प्रकाश की गति से कणों को टकराया जाता है. हर टक्कर से बिग बैंग जैसा धमाका होता है. 13.7 अरब साल पहले ऐसे ही एक धमाके के साथ ब्रह्मांड के निर्माण की शुरुआत हुई थी.

Forschungszentrum Cern: Weltgrößter Teilchenbeschleuniger - freies Format
दुनिया का सबसे बड़ा कोलाइडर स्विट्जरलैंड मेंतस्वीर: picture alliance/dpa

ऐसे में कणों की संख्या जितनी ज्यादा होगी, टक्करों की संख्या भी उतनी ही ज्यादा हो जाएगी. यानी वैज्ञानिकों को अध्ययन के लिए ज्यादा चीजें मिलेंगी. सर्न में हर रोज इस तरह के बिग बैंग धमाके करवाकर उन पर रिसर्च की जा रही है.

सबसे बडा़ प्रयोग

जेनेवा के पास स्विट्जरलैंड और फ्रांस की सीमा पर बने यूरोपीयन ऑर्गनाइजेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च (सर्न) के निदेशक रोल्फ होएर कहते हैं, "कणों के बीम की तीव्रता ही एलएचसी की सफलता का आधार है. इस लिहाज से शुक्रवार का कदम बेहद अहम है. तीव्रता जितनी ज्यादा होगी, उतना ही ज्यादा डेटा पैदा होगा."

Teilchenbeschleuniger in Cern: Kollision von Atomkernen - freies Format
जितने ज्यादा अणु उतनी ज्यादा टक्कर, उतना ही ज्यादा अध्ययनतस्वीर: picture alliance/dpa

होएर के डिप्टी सर्गियो बेर्तोलुची कहते हैं कि ऐसा लगता है कि हम एक नई खोज के मुहाने पर खड़े हैं. सर्न के वैज्ञानिक और इंजीनियर पिछले एक हफ्ते से इस तीव्रता को बढ़ाने के लिए काम कर रहे थे.

10 अरब डॉलर की यह मशीन दुनिया के सबसे बड़े वैज्ञानिक प्रयोग का हिस्सा है. इसकी शुरुआत पिछले साल मार्च में हुई थी. ऐसी ही एक मशीन अमेरिका में है जिसे टेवाट्रोन कहते हैं. लेकिन टेवाट्रोन इस साल हमेशा के लिए बंद हो जाएगी. उसके बाद एलएचसी दुनिया की सबसे बड़ी और एकमात्र सुपर कोलाइडर होगी.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः आभा एम