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"बीपी ने खरीदे वैज्ञानिक, जबान न खोलने की हिदायत"

२४ जुलाई २०१०

ब्रिटिश तेल कंपनी बीपी पर आरोप लग रहे हैं कि उसने कई वैज्ञानिकों और जानकारों को खरीद लिया है ताकि मैक्सिको की खाड़ी में होने वाले तेल रिसाव से पर्यावरण को हुए गंभीर नुकसान के बारे में वे अपनी जबान न खोलें.

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महीनों तक रिसता रहा तेलतस्वीर: AP

कैरी नेल्सन अमेरिकी एसोसिएशन ऑफ प्रोफेसर्स के मुखिया हैं. एक इंटरव्यू में उन्होंने खुले तौर पर आरोप लगाया है कि बीपी इस विषय के जानकारों की खामोशी खरीदने के लिए खूब पैसा खर्च कर रही है. फिलहाल एक ढक्कन की मदद से अस्थायी तौर पर मैक्सिको की खाड़ी में तेल रिसाव बंद हो गया है लेकिन इसकी वजह से आसपास के तटों पर रहने वाले बहुत से लोगों की रोजीरोटी का जरिया बर्बाद हो गया है. पर्यावरण को हुआ नुकसान अलग. इस सिलसिले में बीपी को कानूनी मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है.

बीबीसी का कहना है कि उसे बाकायदा उस कॉन्ट्रैक्ट की कॉपी मिली है जिसमें वैज्ञानिकों को मोटी रकम का प्रस्ताव देते हुए कहा गया है कि बीपी के बारे में वे अपनी रिसर्च को प्रकाशित न करें. साथ ही यह भी हिदायत दी गई है कि जब तक पूरी खाड़ी की साफ सफाई और उसे दुरुस्त करने के लिए बीपी की योजना को सरकार मंजूरी नहीं दे देती, तब तक कंपनी के बारे में पिछले तीन साल से संबंधित कोई आंकड़े पेश न किए जाएं.

वहीं बीपी का कहना है कि वह खाड़ी की साफ सफाई के लिए एक दर्जन से भी ज्यादा वैज्ञानिकों की सेवा ले रही है. अमेरिका में दक्षिणी अलाबामा की यूनिवर्सिटी में समुद्री जीवविज्ञान विभाग के प्रमुख बॉब शिप और उनके विभाग से भी इस बारे में संपर्क किया गया है. शिप बताते हैं कि उन्होंने अपनी रिसर्च के आधार पर मैक्सिको की खाड़ी के लिए कुछ बुनियादी खाका तैयार कर लिया था. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वे आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए पूरी पारदर्शिता और आजादी के साथ ही काम करना पसंद करेंगे. इसके बाद बीपी की तरफ से कोई जवाब नहीं आया.

नेल्सन चेतावनी देते हैं कि बीपी की योजना बेहद घातक साबित होगी. अगर वैज्ञानिकों को ही चुप करा दिया जाएगा तो फिर अमेरिकी इतिहास में तेल रिसाव की इस सबसे बड़ी घटना की सच्चाई और परिणामों के बारे में दुनिया को कौन बताएगा.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एस गौड़