बिना सर्जरी के खत्म किया कैंसर
२० दिसम्बर २०१६समुद्र की असीम गहराई में मिलने वाले एक बैक्टीरिया को वैज्ञानिकों ने प्रोस्टेट कैंसर के मरीजों के खून में डाला. इस नए तरीके का परीक्षण 473 रोगियों पर किया गया. 10 अलग अलग देशों में किए गए प्रयोगों के दौरान वैज्ञानिकों ने रोगियों के शरीर में बैक्टीरिया डाला. फिर बैक्टीरिया को लेजर की मदद से सक्रिय किया गया. परीक्षण इतना सफल रहा कि आधे मरीजों का कैंसर खत्म हो गया.
वैज्ञानिकों के मुताबिक सिर्फ कैंसर कोशिकाएं मरीं. स्वस्थ कोशिकाओं को कोई नुकसान नहीं पहुंचा. फिलहाल कैंसर के इलाज में कीमोथेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें स्वस्थ कोशिकाएं भी मारी जाती हैं. नए इलाज को वसकुलर टारगेटेड फोटोडायनैमिक थैरेपी (वीटीपी) नाम दिया गया है. इसकी खोज इस्राएल के वाइजमन इंस्टीट्यूट फॉर साइंस और निजी कंपनी स्टेबा बायोटेक ने की है.
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के कंसल्टेंट यूरोलॉजिस्ट मार्क एंबरटन के मुताबिक, "यह आगे की दिशा में एक बड़ा कदम है. यह नतीजे शुरुआती दौर के लोकलाइज्ड प्रोस्टेट कैंसर से जूझ रहे पुरुषों के लिए जबरदस्त खबर है, उन्हें ऐसा इलाज मिल सकेगा जो अंडकोष को नुकसान पहुंचाए बिना कैंसर को खत्म कर देगा."
इलाज में इस्तेमाल होने वाले बैक्टीरिया WST11 को गहरे समुद्र तल से निकाला गया. समुद्र में यह बैक्टीरिया बहुत ही कम रोशनी में जीवित रहता है. सूर्य के ना के बराबर मिलने वाले प्रकाश को भी बैक्टीरिया ऊर्जा में बदल देता है. इस बैक्टीरिया को इंसान के शरीर में डालने के बाद अगर लेजर ट्रीटमेंट दिया जाए तो बैक्टीरिया सक्रिय हो जाता है और खास किस्म कपाउंड छोड़ता है. फ्री रेडिकल्स से भरे ये कपाउंड लेजर से सक्रिय होते हैं और आस पास की कोशिकाओं को मारने लगते हैं.
ओएसजे/एके (रॉयटर्स)