बाहर खेलने से तेज होती है नजर
२९ दिसम्बर २०१७आपके बच्चे अगर स्र्माटफोन पर घंटों समय बिताते हैं, वे गेम खेलते रहते हैं और कंप्यूटर या टैबलेट पर अधिक समय काम करते हैं, तो उनकी आंखों की रोशनी कमजोर पड़ने की संभावना ज्यादा रहती है. मगर चिंता छोड़िए और उन्हें खेलने के लिए बाहर भेजिए. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बच्चे हर रोज कम से कम दो घंटे बाहर सूरज की रोशनी में खेलते हैं, तो उनकी आंखें कमजोर होने से बच सकती हैं.
विशेषज्ञों के अनुसार नजर कमजोर होने का भड़ा कारण है आंखों के लिए प्राकृतिक रोशनी की कमी. जब पास की नजर कमजोर होती है, तो उसे मायोपिया या फिर निकटदृष्टि दोष कहा जाता है. इस रोग में पास की चीजें धुंधली दिखाई देती हैं. इसमें रोशनी आंख द्वारा अपवर्तन के बाद रेटिना के पहले ही प्रतिबिंब बना देता है, ना कि रेटिना पर. इस कारण दूर की वस्तुओं का प्रतिबिंब स्पष्ट नहीं बनता, वह आउट ऑफ फोकस रह जाता है और चींजें धुंधली दिखने लगती हैं.
लंदन में मूरफील्ड्स आई हॉस्पिटल में सलाहकार एनेग्रेट डाल्मान-नूर ने कहा, "इसमें मुख्य कारण सीधे तौर पर प्रत्यक्ष सूर्य के प्रकाश के संपर्क में कमी की संभावना है. जो बच्चे अधिक पढ़ते हैं, अधिक रूप से कंप्यूटर, स्मार्टफोन और टैबलेट का इस्तेमाल करते हैं और जिन्हें बाहर खेलने-कूदने का कम अवसर मिलता है, उनमें यह कमी साफ नजर आती है." अभिभावकों के लिए बच्चों को इन उपकरणों के इस्तेमाल से रोकना बड़ा काम है. इसमें विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों को जितना हो सके, उतने अधिक समय के लिए बाहर खेलने के लिए लेकर जाएं.
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लंदन के किंग्स कॉलेज के प्रोफेसर क्रिस हेमंड ने कहा, "हमें पता है कि आज के समय में बच्चों के बीच निकटदृष्टि दोष की समस्या आम बात हो गई है." हेमंड आगे कहते हैं, "निकटदृष्टि दोष को रोकने का सही तरीका बाहर अधिक से अधिक समय बिताना है. इसमें दो घंटे बाहर बिताने से बच्चों में इस बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है."
इसके अलावा बच्चों को ओमेगा-3 की डाइट देना जरूरी है. साथ ही उन्हें विटामिन-ए, सी और ई की भी जरूरत होगी, जो उनकी आंखों के लिए अच्छे हैं. विशेषज्ञों के अनुसार बच्चों की नियमित रूप से आंखों की जांच भी मददगार साबित हो सकती है.
आईएएनएस/आईबी