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बाल ठाकरे को मारना चाहता था हेडली

२५ मई २०११

मुंबई हमले का आरोपी डेविड हेडली शिव सेना सुप्रीमो बाल ठाकरे की हत्या की साजिश रचने में भी शामिल था. अमेरिकी अदालत में हेडली ने कबूल किया कि वह ठाकरे की हत्या के लिए आईएसआई और लश्कर ए तैयबा की साजिश में शामिल था.

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तस्वीर: AP

अमेरिका में गिरफ्तार डेविड हेडली ने शिकागो की अदालत को बताया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा ने बाल ठाकरे की हत्या की साजिश रची. इस साजिश में हेडली भी शामिल था. मुंबई में रहने के दौरान उसने शिवसेना मुख्यालय के चक्कर भी लगाए.

ठाकरे की हत्या की साजिश

तहव्वुर राना की सुनवाई के दूसरे दिन हेडली ने कोर्ट से कहा कि आईएसआई के मेजर इकबाल, लश्कर के साजिद मीर, पाशा, राना और वह बाल ठाकरे से नफरत करते हैं. इन सबने मिलकर ठाकरे की हत्या की साजिश रची. इसके तहत मुंबई में रहने के दौरान हेडली ने शिव सेना और उद्धव ठाकरे के पीआरओ रेगी (राजाराम रेगे) से दोस्ती करने की कोशिश की ताकि वह शिवसेना के भीतर घुस सके.

साजिश के संबंध में हेडली ने एक ईमेल भी भेजा. इस ईमेल में कहा गया कि, "बाला (बाल ठाकरे) बॉस (उद्धव ठाकरे) के साथ अमेरिका जा रहे हैं. बाल ठाकरे को वहीं मारा जा सकता है." हेडली के मुताबिक साजिद और उसने शिव सेना के पीआरओ को जाल में फंसाए रखने की कोशिश की. हेडली ने कहा, "हमने तय किया कि यह आदमी (रेगी) हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है. यही हमें शिव सेना के भीतर पहुंचाएगा."

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तस्वीर: picture alliance/dpa

आईएसआई का रोल

हेडली मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राना के बचपन के दोस्त है. तहव्वुर राना को 2009 में एफबीआई ने गिरफ्तार किया. हेडली के मुताबिक जून 2008 में पाकिस्तान लौटने के बाद उसने आईएसआई के मेजर इकबाल और साजिद से कई बार मुलाकात की. इस दौरान कई बार ईमेल के जरिए भी बातचीत हुई. हेडली ने साजिद से मशविरा किया और तय हुआ कि वह जून के अंत में वापस जाएगा और मुंबई का मुआयना करेगा.

साजिशकर्ताओं ने ताज होटल, छाबड़ हाउस, महाराष्ट्र पुलिस मुख्यालय और नेवल हेड स्टेशन को निशानों की सूची में रखा था. हेडली के मुताबिक छाबड़ हाउस को लेकर उसने मेजर इकबाल से लाहौर में मुलाकात भी की. इकबाल ने कहा कि छाबड़ हाउस को निशाने पर रखो, यह मुंबई में इस्राएली खुफिया एजेंसी मोसाद का केंद्र है.

हेडली ने सुझाए रास्ते

हेडली ने कहा, "इकबाल चाहता था कि मैं भारत वापस जाऊं. उसने मुझसे कहा दी गई लिस्ट के हिसाब से अंदर घुसने के रास्ते तलाशो. लिस्ट मुझे साजिद ने दी. मुंबई लौटने से पहले मैंने कई बार इकबाल और साजिद से मुलाकात की." हेडली ने यह भी माना कि वह लश्कर के कमांडर जकी उर रहमान से मिला. इन मुलाकातों के बाद जून 2008 में हेडली मुंबई लौटा और जुलाई की शुरुआत से उसने ठिकानों और मुंबई में घुसने की जगहों की तलाश शुरू कर दी.

सुनवाई के पहले दिन भी हेडली ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए. पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक हेडली ने अमेरिकी अदालत से कहा कि मुंबई हमलों के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा शामिल हैं. हेडली के मुताबिक आईएसआई ने आतंकवादियों को आर्थिक और सैनिक मदद दी.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: ए जमाल

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