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"बाबरी कांड में वाजपेयी भी शामिल"

२३ नवम्बर २००९

बाबरी मस्जिद गिराए जाने में अटल बिहारी वाजपेयी का भी नाम आया है. मामले की जांच करने वाले लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट मीडिया में लीक हो गई है. वाजपेयी के अलावा आडवाणी और जोशी को भी मस्जिद गिराने का ज़िम्मेदार ठहराया गया है.

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1992 में गिराई गई मस्जिदतस्वीर: dpa - Bildarchiv

यह पहला मौक़ा है, जब वाजपेयी को अयोध्या की बाबरी मस्जिद कांड में सीधे तौर पर ज़िम्मेदार बताया गया है. भारत में अंग्रेज़ी दैनिक इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है. अख़बार ने लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट का कुछ हिस्सा प्रकाशित किया है.

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रिपोर्ट पेश करते जस्टिस एम एस लिब्रहानतस्वीर: UNI

अख़बार के मुताबिक़ लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट में इस बात का साफ़ ज़िक्र है कि मस्जिद गिराने की साज़िश पहले ही तैयार कर ली गई थी. इस मामले की पूरी जानकारी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सहित बीजेपी नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और अशोक सिंघल को पहले से थी. अयोध्या में 6 दिसंबर, 1992 को कार सेवकों ने बाबरी मस्जिद गिरा दी.

रिपोर्ट ऐसे वक्त में लीक हुई है, जब कुछ ही दिनों बाद बाबरी मस्जिद गिराए जाने की 17वीं बरसी है.

मीडिया में रिपोर्ट लीक होने के बाद भारतीय संसद में जम कर हंगामा हुआ और बीजेपी ने रिपोर्ट फ़ौरन संसद में पेश करने की मांग की. लगभग 17 सालों में 48 बार बढ़ाए जाने के बाद एक सदस्य वाले लिब्रहान आयोग ने इसी साल जून में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. लेकिन अभी तक इसे संसद में पेश नहीं किया गया है. बीजेपी ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि आख़िर इस रिपोर्ट को पेश क्यों नहीं किया गया.

Indien Wahlen Atal Bihari Vajpayee
रिपोर्ट में वाजपेयी का नामतस्वीर: AP

बीजेपी की मांग थी कि लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट सोमवार को ही संसद में पेश की जाए. इसके बाद हुए हो हंगामे के बाद संसद की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. सरकार पहले ही कह चुकी है कि वह शीतकालीन सत्र में लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट को पेश करना चाहती है.

इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी को धार्मिक भावनाओं से मिलने वाले राजनीतिक फायदे की जानकारी थी. इसीलिए पार्टी के बड़े नेताओं ने भी इसमें दिलचस्पी ली. 17 साल बाद तैयार हुई रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सियासी ताकत रखने वाले नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी बाबरी कांड को रोकने और उपद्रवियों की ग़िरफ्तारी को लेकर सतर्कता नहीं दिखाई.

हालांकि लिब्रहान आयोग की इस रिपोर्ट में 1992 में भारत के प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को क्लीन चिट दी गई है.

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1992 में कल्याण सिंह थे यूपी के मुख्यमंत्रीतस्वीर: AP

रिपोर्ट लीक होने के बाद सियासी गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है. बीजेपी सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने सरकार से पूछा कि आख़िर रिपोर्ट कैसे लीक हुई. उनके मुताबिक़ रिपोर्ट का लीक होना दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन साथ ही वह सफाई भी दे रहे हैं. आडवाणी अब भी कह रहे हैं कि अयोध्या कांड से जुड़ना उनके लिए गर्व की बात है. लेकिन वह रिपोर्ट में अटल बिहारी वाजपेयी का नाम आने से आहत और हैरान हैं.

लोकसभा में हंगामा करने के साथ ही बीजेपी ने सरकार से मांग की है कि रिपोर्ट तुरंत संसद में पेश की जाए. इसके जवाब में गृह मंत्री पी चिदंबरम का कहना है कि ऐसा जल्द ही होगा. फ़िलहाल बीजेपी सरकार पर रिपोर्ट जान बूझ कर लीक कराने का आरोप भी लगा रही है.

1992 में बाबरी कांड के सिर्फ़ 10 दिन बाद जांच के लिए बनाए गए लिब्रहान आयोग की यह रिपोर्ट 17 साल बाद आई है. रिपोर्ट तैयार करने वाले जस्टिस लिब्रहान ने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है. सोमवार को उन्होंने कहा, ‘’मेरा मुंह बंद है. मैंने किसी से कुछ नहीं कहा.’’

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: ए जमाल