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बातचीत करो वरना हमले करेंगे: माओवादी

७ मार्च २०१०

भारत सरकार को जवाब देते हुए माओवादियों ने कहा, 2050 से पहले ही सत्ता पर क़ब्ज़ा कर लेंगे. माओवादियों के नेता किशनजी ने सरकार से कहा कि तुरंत बातचीत शुरू की जाए वरना बड़े शहरों पर हमले होने लगेंगे.

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तस्वीर: picture-alliance/ dpa

माओवादियों के वरिष्ठ नेता किशनजी ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि उनके लड़ाके हथियार चलाने की ट्रेंनिंग ले रहे हैं. अब अगला निशाना भुवनेश्वर और कोलकाता जैसे बड़े शहरों पर है. शनिवार को जंगल में छुपे माओवादी नेताओं ने कहा कि केंद्र अगर बातचीत नहीं करेगा तो शहरों पर हमले किए जाएंगे.

कोलकाता पश्चिम बंगाल की राजधानी है और भुवनेश्वर उड़ीसा की राजधानी है. इन दोनों ही राज्यों के मुख्यमंत्री केंद्र सरकार से माओवादियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. यही वजह है कि माओवादी इनसे नाराज़ हैं.

अज्ञात स्थान से माओवादी नेता किशनजी ने कहा कि केंद्र सरकार का कोई अधिकारी उनसे बात करने के लिए आगे नहीं आया है. उन्होंने कहा, ''सरकार ख़ुद नहीं जानती कि वह क्या चाहती है. हमने चिदंबरम के बातचीत से पहले 72 घंटे के युद्ध विराम के प्रस्ताव का सम्मान किया. मैंने मीडिया को अपना मोबाइल नंबर दिया और तीन घंटे तक फोन चालू भी रखा. मुझे किसी अधिकारी का फ़ोन नहीं आया.''

चेतावनी भरी नसीहत के अलावा माओवादियों ने आर्थिक और सामाजिक मुद्दों का हवाला भी दिया. माओवादियों ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राय पर सहमति जताई और कहा कि खनन का ज़्यादातर पैसा खदान के आस पास के इलाके में ख़र्च किया जाना चाहिए. अब तक इस रक़म का बड़ा हिस्सा केंद्र सरकार के पास जाता है.

केंद्र की नीतियों की आलोचना करते हुए किशनजी ने कहा, ''हमारी पार्टी तो कुछ साल पहले ही सामने आई है. जब हम नहीं थे तब क्या हुआ था. सरकार ने आदिवासी कल्याण के लिए बीते 53 साल में क्या किया.''

इससे पहले शुक्रवार को भारत के गृह सचिव जीके पिल्लई ने कहा था कि माओवादी 2050 तक भारतीय लोकतंत्र को उखाड़ फेंकना चाहते हैं. उनके मुताबिक माओवादी इसके लिए हथियारों की ट्रेनिंग भी ले रहे हैं. सरकार को आशंका है कि कुछ पूर्व सैनिक भी माओवादियों की मदद कर रहे हैं.

इस बीच कुछ मशहूर हस्तियों ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह माओवादियों के ख़िलाफ़ सशस्त्र कार्रवाई न करे. मशहूर लेखिका महाश्वेता देवी का कहना है कि गोलीबारी और बातचीत साथ साथ नहीं हो सकती है. गृहमंत्री चिदंबरम को उन्होंने इस बाबत एक चिट्ठी भी लिखी है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: आभा मोंढे