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बांग्लादेश हत्याकांड का मास्टरमांइड मारा गया

६ जनवरी २०१७

बांग्लादेश में गुलशन कॉफी हाउस पर पिछले साल हुए हमले के प्रमुख आरोपी को शुक्रवार तड़के पुलिस ने अपनी कार्रवाई के दौरान मार गिराया है. इस्लामी कट्टरपंथी को घटना का मुख्य मास्टरमांइड माना जा रहा था.

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Bangladesch IS-Anschlag in Dhaka
तस्वीर: picture-alliance/abaca

ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस के प्रवक्ता के अनुसार अधिकारियों को राजधानी के रायेर बाजार स्थित एक इमारत में छापेमारी के दौरान नुरुल इस्लाम मरजान और एक अन्य संदिग्ध कट्टरपंथी की लाश मिली है. आईजी एकेएम शाहिदुल हक ने बताया कि मरजान पर जुलाई में हुए हमले का मास्टरमाइंड होने का आरोप था और उसी ने हमले को अंजाम दिया. अतिरिक्त डीसीपी यूसुफ अली ने बताया कि पुलिस को मरजान के साथ ही एक संदिग्ध कट्टरपंथी की भी लाश मिली है जिसकी उम्र तकरीबन 30 वर्ष होगी. उनके अनुसार वह पिछले वर्ष 1 जुलाई को ढाका के पॉश इलाके की एक बेकरी पर हुए हमले का मास्टरमाइंड था. हमले में 23 लोग मारे गए थे जिनमें एक भारतीय छात्र सहित 18 विदेशी थे.

इस घटना के बाद बांग्लादेश के सुरक्षाबलों ने इस्लामिक कट्टरपंथियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की शुरुआत की थी. कैफे बंधक कांड ने बांग्लादेश की उदारवादी मुस्लिम राष्ट्र की छवि को काफी नुकसान पहुंचाया. उस घटना के बाद से सुरक्षा बलों ने अब तक करीब 50 इस्लामी कट्टरपंथियों को मार गिराया है,  इसमें से कई जमायतुल मुजाहिदीन बांग्लादेश जेएमबी के प्रमुख लोग थे. कट्टरपंथी संगठन आईएस) ने कैफे हमले की जिम्मेदारी ली थी और अपने कमांडों की काले झंडे के साथ तस्वीरें भी पोस्ट की थी.

ढाका पुलिस के काउंटर टेररिज्म ऐंड ट्रांसनैशनल क्राइम यूनिट के उप प्रमुख मोहिबुल इस्लाम खान ने बताया कि जेएमबी में शामिल होने से पहले मरजान,  चटगांव विश्वविद्वालय में अरबी भाषा का छा़त्र था. उन्होंने बताया कि तमीम के साथ मिलकर मरजान ने गुलशन हमले की भी योजना बनाई थी, हालांकि पुलिस ने तमीम को पिछले वर्ष अगस्त में एक छापेमारी के दौरान मार गिराया था. खान ने बताया कि पुलिस की खुफिया जानकारी के मुताबिक मरजान ने कैफे की घेराबंदी की भी पूरी साजिश रची थी और घटना को अंजाम देने की पूरी जिम्मेदारी भी उसी की थी.

बांग्लादेश में विदेशियों,  मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले हो रहे हैं. इनमें से तमाम हमलों की जिम्मेदारी आईएस और अलकायदा जैसे आतंकवादी संगठनों ने भी ली है. इसके बावजूद देश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार स्थानीय आतंकवादी समूहों को ही इसके लिए जिम्मेदार ठहराती रही है और अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों की मौजूदगी से लगातार इनकार कर रही हैं.

आलोचकों का कहना है कि शेख हसीना की सरकार इस्लामी कट्टरपंथियों के खतरे को नकारने का रुख अखितयार कर रही है. साथ ही सरकार इन हमलों का इस्तेमाल अपने विरोधियों की छवि खराब करने के लिए कर रही है. पिछले साल अपने ढाका दौरे के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ने भी कहा था कि हाल में बांग्लादेश में हुए हमलों से ऐसे सबूत मिलते हैं जिससे लगता है कि कट्टरपंथियों के तार आईएस से जुड़े हो सकते हैं.

एए/एमजे (एएफपी)

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