बड़े सबक़ नाकामी ही सिखाती हैः शाह रुख़
९ फ़रवरी २०१०बैंगलोर में इस क्विज़ के दौरान किंग ख़ान ने कहा, "कामयाबी आपको बुद्धिमान नहीं बनाती, सबकुछ आपको नाकामी ही सिखाती है. इसलिए नाकाम होना भी ज़रूरी है. नाकामी का डर आपको व्यवहारिक बनाता है. यह आपकी सोच को तर्क देता है." उन्होंने कहा कि नाकामी किसी भी रूप में हो सकती है और उसका अनुभव ही आपको आगे ले जाता है.
इस क्विज़ शो में छात्रों से ब्रैंडिंग, मार्केटिंग और मैनेजमेंट के विभिन्न मुद्दों से जुड़े बेशुमार सवाल किए गए. उनकी हौसला अफ़ज़ाई के लिए शाह रुख ने कहा, "चिंता मत करो. चीज़ें ग़लत होंगी, बस उनसे सबक़ सीखो. नाकामी आपको और मेहनत के लिए तैयार करती है. मैं मेहनत करता हूं क्योंकि मुझे नाकामी से डर लगता है."
अपने शुरुआती जीवन की मिसाल देते हुए शाह रुख़ ने बताया कि कैसे वह मेहनत करने के लिए प्रेरित होते थे. वह कहते हैं, "मैंने बहुत ग़रीबी देखी. मुझे ग़रीब होने से डर लगता था. मैं ग़रीब नहीं होना चाहता था. इसीलिए मैंने मेहनत की. मैं अपनी रोज़ी रोटी कमाने का कोई भी मौक़ा नहीं गंवाता हूं."
शाह रुख़ ने बताया कि वह अपने माता पिता को बहुत सफल नहीं मानते हैं लेकिन उन्होंने अपने बेटे को अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलवाने की कोशिश की. किंग ख़ान ने इस क्विज़ शो में 'बाज़ीगर' और 'देवदास' जैसी अपनी कुछ फ़िल्मों के डायलॉग सुना कर क्विज़ में मौजूद लोगों का मनोरंजन भी किया.
रिपोर्टः पीटीआई/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह