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बंगाल में आईटी हब के प्रोजेक्ट पर पानी फिरा

८ सितम्बर २००९

जमीन अधिग्रहण पर उभरने वाले विवादों के चलते पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की ड्रीम परियोजनाओं पर पानी फिरने लगा है. सरकार ने कोलकाता से सटे राजरहाट में आईटी हब बनाने के अहम परियोजना रद्द कर दी है.

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प्रोजेक्ट हुआ रद्दतस्वीर: AP

सौलह सौ एकड़ में बनने वाली इस परियोजना का शुमार बुद्धदेव की सबसे पसंदीदा परियोजनाओं में होता था. लेकिन अब उसी पर पानी फिर गया है. सरकार ने साथ ही सूचना तकनीक क्षेत्र की दो बड़ी कंपनियों इंफोसिस और विप्रो को भी सूचित कर दिया है कि उनको इस परियोजना के लिए कोई जमीन नहीं दी जाएगी.

बीते साल बंगाल सरकार ने इंफ़ोसिस और विप्रो के साथ अलग-अलग सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे. दोनों कंपनियों को इस हब में 90-90 एकड़ जमीन दी जानी थी. प्रस्तावित सूचना तकनीक उपनगरी एक लग्जरी रिसोर्ट वैदिक विलेज के पास लगने वाली थी. लेकिन बीते 23 अगस्त को हुए विरोध प्रदर्शन और आगजनी के बाद भू माफ़िया और रिसोर्ट प्रबंधन में सांठगांठ के आरोप उठने लगे थे। उसके बाद से ही आवासन, भू-राजस्व, सार्वजनिक निर्माण वित्राग और शहरी विकास मंत्रालय इस परियोजना को रद्द करने की बात कर रहे थे.
सिंगुर और नंदीग्राम में हुए विरोध के बाद अब इस हब में वैदिक विलेज के भूमिका को लेकर काफ़ी सवाल उठ रहे थे. भू-राजस्व मंत्री अब्दुर रज्जाक मोल्ला ने तो सीधे इस परियोजना को रद्द करने की मांग की थी. यह हालत तब है जब कोई महीने भर पहले ही राज्य के सूचना तकनीक मंत्री देवेश दास ने कहा था कि सरकार ने विप्रो और इंफ़ोसिस के लिए प्रस्तावित टाउनशिप में जमीन का अधिग्रहण किया है.

जानकारों का कहना है कि परियोजना रद्द होने के बाद संभावित निवेश और इससे पैदा होने वाली तीन लाख नौकरियों की वजह से राज्य को लगभग दस हजार करोड़ रुपए के निवेश का नुक़सान उठाना पड़ सकता है. राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी इसकी पुष्टि करते हुए बताते हैं कि इस परियोजना के रद्द होने से बंगाल दस हजार करोड़ के निवेश और तीन लाख नौकरियों से वंचित रह सकता है. अधिकारी ने कहा कि अगर इंफ़ोसिस और विप्रो टाउनशिप में अपनी परियोजनाएं लगाने में कामयाब रहतीं तो उसके बाद आईसीआईसीआई बैंक और आईटीसी इंफ़ोटेक के भी यहां पहुंचने की संभावना थी.

सोलह हजार एकड़ के टाउनशिप में आईटी और आईटी सेवाएं मुहैया कराने वाली कंपनियों को छह सौ एकड़ जमीन मुहैया कराई जानी थी. इंफ़ोसिस और विप्रो दोनों ने ऐलान किया था कि वैदिक विलेज टाउनशिप में शुरू में दोनों कंपनियां पांच हजार लोगों को रोजगार मुहैया कराएंगी. वैसे, जानकार सूत्रों का कहना है कि दोनों कंपनियों ने सरकार को बताया था कि आगे चल कर उनके जरिये इस टाउनशिप में कम से कम 40 हजार रोज़गार पैदा होंगे. लेकिन अब इस सपने पर पानी फिर गया है.

रिपोर्टः प्रभाकर मणि तिवारी, कोलकाता

संपादनः ए कुमार