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फ्लाइट IX-182 का आखिरी सफर

२२ मई २०१०

दुबई से मैंगलोर का पौने चार घंटे का सफर कई यात्रियों का आख़िरी सफर साबित हुआ. मैंगलोर के जिस हवाई अड्डे पर विमान को उतरना था वह बेहद छोटा और पहाड़ी की चोटी पर बना एयरपोर्ट है.

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तस्वीर: AP

एयर इंडिया का एक्सप्रेस सर्विस विमान दुबई से स्थानीय समायानुसार रात सवा बजे 160 से ज्यादा यात्रियों और छह क्रू सदस्यों के साथ से मैंगलोर के लिए निकला. विमान में कुछ बच्चे भी सवार थे. विमान को साढ़े छह बजे मंगलोर के बाजपे एयरपोर्ट पर उतरना था. मौसम ख़राब था लेकिन एयरपोर्ट पर हालात सामान्य थे. पायलट ने किसी तरह की गड़बड़ी या इमरजेंसी की जानकारी नहीं दी.

एयरपोर्ट अधिकारियों का कहना है कि विमान रनवे पर एकदम ठीक जगह उतरा लेकिन उसकी रफ़्तार कम नहीं हुई. विमान रनवे पर तेज़ी से आगे बढ़ता रहा और उसे पार करता हुआ पहाड़ी से निकल गिर गया.

मैंगलोर का बाजपे एयरपोर्ट पहाड़ी की चोटी पर बना है. इस एयरपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय उड़ाने 2006 में शुरू हुई हैं. एयरपोर्ट का रनवे छोटा है और उसके आसपास ढलान है. विमान इसी ढलान से नीचे गिरा और फौरन आग लग गई. बताया जा रहा है कि हादसे की वजह से विमान तीन बड़े हिस्सों में टूट गया. विमान का मलबा काफी दूर तक फैला है.

एयर इंडिया एक्सप्रेस के इस विमान को मैंगलोर में उतर कर मस्कट के लिए उड़ान भरनी थी. विमान बोइंग 737 है, जिसे नया ही बताया जा रहा है. हादसे की जांच के लिए डीजीसीए और एयर इंडिया के अधिकारी मैंगलोर पहुंच रहे हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: एस गौड़