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फ्रांसीसी पर्यटकों पर माओवादियों से संबंध का आरोप

२३ अप्रैल २०१२

भारत फ्रांस के 10 नागरिकों को उनके देश वापस भेजेगा. पर्यटक वीजा पर आए इन लोगों को बिहार के घने जंगलों में घूमते देखा गया. पर्यटक किसानों से जुड़े एक संगठन के साथ काम कर रहे थे, आरोप है कि यह संगठन माओवादियों से जुड़ा है.

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तस्वीर: AP

बिहार पुलिस का आरोप है कि पर्यटकों ने वीजा नियमों का उल्लंघन किया. बिहार पुलिस के एडीजी कुमार राकेश चंद्रा ने कहा, "दस में से नौ पर्यटकों के पास टूरिस्ट वीजा था लेकिन वे एक एनजीओ की गतिविधियों में शामिल मिले."

केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह के मुताबिक, "माना जाता है कि एनजीओ के माओवादियों के गुटों से संबंध हैं." नाम न बताने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि एकता परिषद एक चैरिटी संगठन है जो स्थानीय लोगों के लिए जमीन, पानी और जंगल के अधिकारों के मुद्दे उठाता है.

बिहार पुलिस के एडीजी कहते हैं, "हमें गहरा शक है कि वे (फ्रांसीसी नागरिक) माओवादियों के प्रभाव वाले जामुई और सिमुलतला गए. घने जंगल में उन्होंने बैठकें भी कीं." उड़ीसा में इटली के दो पर्यटकों को अगवा करने के बाद माओवादियों के गढ़ माने जाने वाले इलाके में फ्रांसीसी नागरिकों के घूमने से पुलिस को शक हुआ.

इस वक्त भारत के नौ राज्यों में माओवादी सक्रिय हैं. भारत सरकार माओवाद को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा करार दे चुकी है. वहीं माओवादी दावा करते हैं कि वह गरीब किसानों और पिछड़े वर्गों के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं. माओवादियों का आरोप है कि सरकार स्थानीय लोगों की अधिकारों की अनदेखी कर पूंजीपतियों का साथ दे रही है.

माओवादी अक्सर पुलिस और सरकारी अधिकारियों को निशाना बनाते हैं. इटली के पर्यटकों को अगवा करने के अलावा उड़ीसा में उन्होंने एक विधायक का अपहरण कर लिया. शनिवार को माओवादियों ने छत्तीसगढ़ के सुकुमा जिले के कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन को अगवा कर लिया है. माओवादियों ने मेनन की रिहाई के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के सामने शर्तें रखी हैं. सरकार को 25 अप्रैल तक का वक्त दिया गया है.

ओएसजे/एनआर (एपी, एएफपी)

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